नई दिल्ली : नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन एवं भारत बंद को समर्थन देने पर सरकार ने सोमवार को विपक्ष को निशाने पर लिया। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि विपक्ष किसानों को भ्रमित कर रहा है। इससे विपक्ष को 'शर्मनाक दोहरा चरित्र' उजागर हो गया है। प्रसाद ने बताया कि पिछले समय में कांग्रेस पार्टी और अन्य राजनीतिक दल एमएसपी नियम में संशोधन करने की बात कह चुके हैं। उन्होंने कांग्रेस पार्टी के पिछले लोकसभा चुनाव के उस घोषणापत्र का जिक्र किया जिसमें एमएसपी में संशोधन करने की बात कही गई है।
मंगलवार को किसानों का भारत बंद
आठ दिसंबर को किसानों के भारत बंद के आह्वान का विपक्ष की ओर से समर्थन दिए जाने पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आंदोलन करना सभी का अधिकार है लेकिन विपक्ष केवल मोदी सरकार का विरोध करने के लिए सड़क पर उतरना चाहता है। प्रसाद ने कहा कि चुनावों में जनता इन्हें नकार चुकी है। अब ये पार्टियां अपना अस्तित्व बचाने के लिए संघर्ष कर रही हैं। उन्होंने कहा कि जनता विपक्ष की असलियत समझ रही है।
किसानों को अवसर देने वाले हैं ये कानून
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'नए कृषि कानूनों के खिलाफ विपक्ष के दल एक साथ आ गए हैं। यूपीए शासन काल के दौरान कृषि सुधारों के क्षेत्र में जो काम हुआ था, मोदी सरकार उसे ही आगे बढ़ा रही है। अब वे चुनाव हार रहे हैं इसलिए प्रदर्शनों में हिस्सा ले रहे हैं।' प्रसाद ने कहा कि ये कानून किसानों का भला करने वाले और उन्हें अवसर देने वाले हैं। कांग्रेस पार्टी ने अपने 2019 के लोकसभा चुनाव में एपीएमसी कानून को खत्म करने का वादा किया था उन्होंने कहा कि शरद पवार जब कृषि मंत्री थे तो उन्होंने सभी राज्यों से कृषि क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने का अनुरोध किया था।
किसानों के लिए डिजिटल मंडी
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसानों को नए अवसर देने के लिए मोदी सरकार ने डिजिटल कृषि मंडियों की व्यवस्था की है। इस डिजिटल प्लेटफार्म पर किसानों ने अपना रजि स्ट्रेशन कराया है। अब तक इस डिजिटल मंडल में 1 लाख 15 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का कारोबार हो चुका है।
किसानों ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ मंगलवार को देशव्यापी भारत बंद का आह्वान किया है। इस आह्वान को विपक्ष ने अपना समर्थन दिया है। हालांकि, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है वह किसानों के प्रदर्शन के साथ खड़ी हैं लेकिन वह भारत बंद का समर्थन नहीं करेंगी।
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