नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल में विधानसभा की 202 सीटों के लिए मतगणना जारी है। अभी तक के रुझान अगर नतीजों में तब्दील हो गए तो बंगाल की कमान एक बार फिर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के हाथों में होगी। अभी तक के रुझानों में तृणमूल कांग्रेस करीब 200 सीटें नजर आ रही है तो वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 100 सीटों के आस-पास है। जाहिर है कि चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन शानदार दिखाई दे रहा है लेकिन ये रुझान उसके नेताओं के दावों से कहीं दूर हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नंदीग्राम सीट पर भले ही फंसती दिख रही हैं लेकिन उनकी पार्टी जीत रही है।
लोकसभा चुनाव से ज्यादा वोट टीएमसी को मिल रहे
रुझानों को देखने के बाद चुनावी विश्लेषक भाजपा की हार और टीएमसी की जीत के पीछे जो एक बड़ा कारण देख रहे हैं वह यह है कि टीएमसी 2019 के लोकसभा चुनावों की तुलना में इस बार ज्यादा वोट हासिल कर रही है। इस चुनाव में टीएमसी को 2019 के लोकसभा चुनावों से पांच प्रतिशत ज्यादा वोट मिलते दिख रहे हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में टीएमसी को 43 फीसदी वोट मिले थे लेकिन विधानसभा चुनाव में यह प्रतिशत बढ़कर 48 फीसदी होता दिखाई दे रहा है। टीएमसी को यदि 48 फीसदी वोट मिल जाते हैं तो वह करीब 200 सीटें जीतने में कामयाब हो जाएगी।
भाजपा का वोट प्रतिशत घटा
भाजपा को इस चुनाव में केवल 37 प्रतिशत वोट मिलते दिख रहे हैं। यानि कि भगवा पार्टी 2019 के लोकसभा चुनाव से तीन प्रतिशत कम वोट मिल रहा हैक। लोकसभा चुनाव से कम वोट मिलना उसकी सीटों पर असर डालेगा। भाजपा मुश्किल से 100 का आंकड़ा पार करेगी। ऐसे में सवाल है कि जीत को लेकर किसका दावा सही है, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का या अमित शाह का। पीके ने कहा था कि विधानसभा चुनाव में भाजपा मुश्किल से 100 सीटों का आंकडा़ पार कर पाएगी जबकि केंद्रीय गृह मंत्री एवं भाजपा नेता अमित शाह का दावा है कि भाजपा इस चुनाव में 200 से ज्यादा सीटें जीतेगी।
कोरोना संकट भी वजह
इसके अलावा चुनावी विश्लेषक यह मान रहे हैं कि कोरोना संकट भी टीएमसी को कहीं न कहीं फायदा पहुंचाया है। चार चरणों के बाद राज्य में भाजपा का चुनाव प्रचार थोड़ा धीमा पड़ा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनाव रैलियों को स्थगित करना पड़ा। दूसरा ममता बनर्जी ने कोरोना संकट को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार किया। ममता ने लोगों को यह भरोसा दिलाने में कहीं न कहीं सफल रहीं कि देश में कोरोना संकट के लिए केंद्र की सरकार जिम्मेदार है। हालांकि, यह अभी शुरुआती अनुमान है। एक बार सभी सीटों के नतीजे आ जाने के बाद हार या जीत का सही अनुमान लगाया जा सकेगा।
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