रांची: चारा घोटाले के चार विभिन्न मामलों में सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई टल गई है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 27 नवंबर को होगा। अगर लालू यादव को इस मामले में आज जमानत मिल जाती तो वह बिहार चुनाव के नतीजे घोषित होने की तारीख यानि 10 नवंबर से पहले जेल से बाहर आ जाते लेकिन फिलहाल यह सपना धरा ही रह गया है।
दुमका कोषागार से गबन के मामले में लालू प्रसाद यादव को सात साल की सजा हुई थी। लालू यादव की पार्टी आज उनकी जमानत को लेकर आश्वस्त थी। इससे पहले लालू यादव के बेटे और महागठबंधन के मुख्यमंत्री प्रत्याशी तेजस्वी यादव ने हाल ही में कहा था कि नौ नवंबर को उनका जन्मदिन है और उसी उसी दिन लालू जी बाहर आएंगे लेकिन फिलहाल ऐसा नहीं हो सका है।
इस आधार पर लगाई थी याचिका
सुनवाई से पहले लालू प्रसाद के वकील देवर्षि मंडल ने कहा कि लालू यादव ने कुल सजा का आधा हिस्सा काट लिया है इसलिए उन्हें जमानत मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव की ओर से दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में आधी सजा काटने के आधार पर जमानत प्रदान किए जाने की गुहार लगाई गयी है। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद इस मामले में 42 माह जेल में रह चुके हैं।
चार मामलों में मिली है सजा
सजा की आधी अवधि काट लेने के आधार के अलावा लालू की ओर से उन्हें किडनी, हृदय रोग व शुगर सहित 16 प्रकार की बीमारियां होने का भी दावा किया गया है। दुमका कोषगार से गबन के मामले में फिलहाल राजद सुप्रीमो जेल में ही रहेंगे और उनका इंतजार बढ़ गया है। पीटीआई के मुताबिक, चारा घोटाले के चार मामलों में यादव को सजा मिली है, जिनमें से चाईबासा के दो मामले व देवघर के मामले में उन्हें पहले ही जमानत मिल चुकी है।
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