नई दिल्ली। कोरोना काल में इस समय सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूरों के साथ आ रही है। देश के अलग अलग हिस्सों से सड़क हादसों में मजदूरों के मरने की खबर आ रही है। बिहार के भागलपुर में सड़क हादसे में 9 मजदूरों की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि ट्रक में ये सभी मजदूर सवार थे और सामने से आ रही बस से टक्कर को रोकने के लिए ट्रक ड्राइवर संतुलन खो बैठा और ट्रक पलट गई।
भागलपुर में सड़क हादसा
यह बिहार के भागलपुर से आई हुई तस्वीर नहीं है। हाल के दिनों में सड़क हादसों में प्रवासी मजदूरों के मारे जाने की खबर यूपी, महाराष्ट् और मध्य प्रदेश से भी आई है। कुछ दिन पहले यूपी के औरैय्या और मुजफ्फरनगर सड़क हादसे में 30 लोगों की मौत हो गई थी तो मध्य प्रदेश के गुना से भी दिल दहलाने वाली खबर आई थी। सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है। इस संबंध पुलिस अधिकारियों का कहना है कि लोद जान को जोखिम में डालकर ट्रकों पर यात्रा कर रहे हैं जो सुरक्षित नहीं होता है।
राज्यों में सामंजस्य की कमी
सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है। जानकारों का कहना है कि यह बात सच है कि सरकार की तरफ से श्रमिक स्पेशल ट्रेन और बसें चलाई जा रही हैं। लेकिन कहीं न कहीं कोऑर्डिनेशन की कमी से भी इस तरह की दिक्कतें आ रही हैं। एक तरफ जब प्रवासी श्रमिकों को जब साधन नहीं मिल रहा है तो वो सड़कों पर पैदल चल रहे हैं या ट्रक जैसे रिस्की साधनों की यात्रा करते हैं और उसका नतीजा हादसों में दिखाई दे रहा है।
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