Road Rage Case: रोड रेज के मामले में उड़ीसा के एक विधायक को जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि विधानसभा क्षेत्र में बिना जिलाधिकारी की इजाजत के नहीं जा सकेंगे। कोर्ट ने ये आदेश उड़ीसा के चिल्का विधानसभा से विधायक प्रशांत जगदेव की जमानत याचिका पर सुनाते हुए दिया। विधायक प्रशांत जगदेव पर उड़ीसा में पिछले पंचायत चुनाव के दौरान प्रदर्शनकारी भीड़ के ऊपर कार चढ़ाने का आरोप है।
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इस घटना में प्रशांत जगदेव की महंगी स्पोर्ट्स कार से कथित तौर पर कुचले जाने से सात पुलिसकर्मी सहित कम से कम 22 लोग घायल हो गए थे। अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने चिल्का विधायक प्रशांत जगदेव को जमानत देते हुए कहा कि विधायक अगले एक साल तक किसी भी पब्लिक रैली को भी संबोधित नहीं करेंगे। वहीं कोर्ट ने जमानत देते हुए ये भी कहा कि विधायक अगले एक साल तक डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट की इजाजत के बिना अपनी विधानसभा चिल्का में भी नहीं जाएंगे।
उड़ीसा हाई कोर्ट ने खारिज की थी विधायक प्रशांत जगदेव की जमानत याचिका
इससे पहले उड़ीसा हाई कोर्ट ने चिल्का विधानसभा से विधायक प्रशांत जगदेव की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। उड़ीसा हाई कोर्ट ने उस वक्त जमानत अर्जी रद्द करते हुए टिप्पणी की थी कि जिस तरह से विधायक ने पहले गाड़ी चढ़ाने की धमकी दी और उसके बाद नकली नंबर प्लेट वाली गाड़ी से लोगों को रौंदने की कोशिश कि ऐसे में उनके प्रति जनप्रतिनिधि वाला रुख नहीं अपनाया जा सकता है।
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कोर्ट ने इस बात को भी संज्ञान में लिया कि आरोपी विधायक के खिलाफ एक दर्जन के करीब आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने सख्त हिदायत देते हुए ये भी निर्देश दिया है कि आरोपी विधायक किसी भी गवाह को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे।
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