नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में आयोजित पूर्व सैनिक प्रबोधन कार्यक्रम में शिरकत की। इस दौरान उन्होने कहा कि पिछले 96 वर्ष से आरएसएस का हमेशा विरोध हुआ, लेकिन हम समाज की सेवा में लगे रहे। भागवत ने कहा कि कि संघ को तो थोड़ी राहत तब मिली - जब स्वयंसेवक सत्ता में आए। इस दौरान भागवत ने पूर्व सैनिकों को शाखा और स्वयंसेवक का अर्थ समझाते हुए उनसे इससे जुड़ने की अपील की और कहा कि वह हर दिन एक घंटा देश समाज को दें।
इस दौरान संघ प्रमुख ने कहा, ' हम यहां पर हैं और पक्के हैं, चलते हुए आ रहे हैं। 40000 साल पूर्व से भारत के लोगों का, आज के लोगों का डीएनए समान है... ऐसी ही हवा में बात नहीं कर रहा हूं मैं.. हुआ है और आगे की घड़ी में भी वहीं सिद्ध हुआ है। तो हमारे समान पूर्वजों के वंशज हैं, उन पूर्वजों के कारण अपना देश फला-फूला, अपनी संस्कृति आज तक चलती आई। यूनान, मिस्र, रोमां, सब मिट गए जहां से…. कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी। उस कुछ बात में एक बात ये भी है कि इसके लिए त्याग बलिदान हुए हैं और ऐसा करने वाले हमारे पूर्वज हमारे गौरव का विषय हैं हमारी निष्ठा उनके प्रति है, हमारा सम्मान उनके प्रति है। हम अनुकरण उनके जीवन का करते हैं।'
संघ प्रमुख ने कहा कि हिंदुत्व किसी को जीतने की बात नहीं कहता है और इस शब्द का सबसे पहले गुरु नानक देव जी ने इस्तेमाल किया था। संघ प्रमुख ने कहा कि हिंदुत्व किसी को बांटने की बात नहीं करता है बल्कि यह तो जोड़ने की बात करता है। मोहन भागवत ने कहा कि हम गुलाम इसलिए रहे क्योंकि हम हमेशा बंटे रहे।
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