नई दिल्ली। आरएसएस मुखिया मोहन भागवत का कहना है कि केंद्र सरकार को नागरिकता संशोधन बिल लाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वो हिंदू जो नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस में जगह बनाने में कामयाब नहीं हुए उन्हें परेशान नहीं होना चाहिए। एनआरसी में नाम नहीं होने का यह मतलब नहीं है कि उन्हें देश से बाहर कर दिया जाएगा।
कोलकाता में संघ के महत्वपूर्ण पदाधिकारियों की बैठक हई जिसमें इस बात पर चिंता जताई गई कि ऐसे हिंदू जो एनआरसी की फाइनल लिस्ट में जगह बनाने में कामयाब नहीं हुए उनके भविष्य का क्या होगा। 31 अगस्त को फाइनल लिस्ट जारी की गई थी जिसमें 1.9 मिलियन लोग जगह बना पाने में नाकाम रहे जिसमें ज्यादातर बंगाली हिंदू हैं। आरएसएस का मानना है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से ऐसे हिंदू भारत आए जिन्हें वहां से भगा दिया गया था। उनके लिए सिर्फ भारत ही एक ऐसी जगह है जहां वो बिना किसी खौफ रह सकते हैं।
एक पदाधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि संघ का स्पष्ट मत है कि बीजेपी सरकार को सीएबी लाने की जरूरत है ताकि इस तरह की संशय वाली स्थिति से बचा जा सके। इसके साथ ही संघ के सदस्यों से कहा गया है कि वो असम का दौरा करें ताकि एनआरसी में जिन हिंदुओं को जगह नहीं मिल सकी है उनके डर को खत्म किया जा सके।
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