बेंगलुरु : कर्नाटक में हिजाब पर बवाल के बीच राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के नेता इंद्रेश कुमार ने इसे लेकर सुर्खियों में आई छात्रा बीबी मुस्कान खान की आलोचना की है और आरोप लगाया कि वह राज्य में शांति भंग करने के लिए रची गई साजिश का हिस्सा है। उन्होंने दावा किया कि मुस्कान खान हमेशा जींस पहनती रही है और अब हिजाब को लेकर उसने जानबूझकर बवाल पैदा किया, ताकि राज्य में शांति-व्यवस्था भंग की जा सके।
इंद्रेश कुमार ने कहा, 'मुस्कान खान हमेशा जींस पहनती रही है। उसने यह साजिश की, यह निंदनीय है। वे शांतिपूर्ण माहौल को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।' हिजाब पर बवाल के बीच उन्होंने कहा, 'इस पर आरएसएस का रुख स्पष्ट है। कुछ चरमपंथी हैं जो इन बेटियों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। वे उनका ब्रेनवॉश करना चाहते हैं और हमारे ही देश के खिलाफ उनका इस्तेमाल करना चाहते हैं। वे उन्हें इस्लाम के रास्ते से भी गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।'
उनकी यह टिप्पणी कर्नाटक में हिजाब को लेकर पैदा हुए बवाल के बीच आया है, जो बीते करीब एक महीने के समय में देशव्यापी मसला बन गया है। इसकी शुरुआत जनवरी में हुई थी, जब कर्नाटक के उडुपी जिले के एक गवर्नमेंट गर्ल्स कॉलेज में कुछ छात्राओं ने आरोप लगाया कि उन्हें हिजाब में होने की वजह से कक्षाओं में जाने से रोका गया है। इसके बाद कर्नाटक के कई सरकारी कॉलेजों से इस तरह की रिपोर्ट सामने आई, जिसका मुस्लिम लड़कियों ने विरोध किया। उन्होंने कहा कि हिजाब की वजह से उन्हें पढ़ने से रोका जा रहा है।
इसके विरोध में कुछ कॉलेज स्टूडेंट्स ने भगवा शॉल लेकर स्कूल आने की अनुमति मांगी, जिसके बाद से माहौल और बिगड़ता गया। पूरे मामले में विवाद के बीच बीबी मुस्कान खान उस वक्त सुर्खियों में आई, जब कॉलेज जाते समय अचानक भगवा लहराते कुछ युवक उसके पास आ गए और जय श्री राम का नारा लगाने लगे। जवाब में मुस्कान ने भी 'अल्लाहू-अकबर' का नारा लगाया, जिसके बाद से वह चर्चा में बनी हुई है। इंद्रेश कुमार का बयान उसी मुस्कान को लेकर आया है।
बढ़ते बवाल के बीच कर्नाटक सरकार ने स्कूल कॉलेजों को बंद कर दिया था। साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि किसी को भी हिजाब या भगवा शॉल लेकर शैक्षणिक संस्थानों में जाने की अनुमति नहीं होगी। इस मसले पर कर्नाटक हाई कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई भी हुई, जिसमें अदालत ने स्कूल-कॉलेजों को खोलने पर जोर देते हुए यह भी कहा कि मामले में अंतिम फैसला आने तक किसी को भी हिजाब या धार्मिक पहचान वाले परिधानों पर जोर नहीं देना चाहिए। मामले की अगली सुनवाई अब सोमवार को होगी।
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