नई दिल्ली : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 6 दिसंबर को भारत आ रहे हैं। इस दौरान भारत और रूस के बीच कई रक्षा समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है, जो पाकिस्तान और चीन के माथे पर बल लाने वाला हो सकता है। रूसी राष्ट्रपति के भारत दौरे से ठीक पहले सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए उत्तर प्रदेश के अमेठी में 5 लाख से अधिक एके-203 असॉल्ट राइफल के विनिर्माण की योजना को मंजूरी दे दी है, जिसका निर्माण भारत-रूस परियोजना के तहत किया जाना है।
रूसी राष्ट्रपति के भारत दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच 'AK-203' कलाशनिकोव राइफल खरीद समझौते पर हस्ताक्षर की भी संभावना है, जो दोनों देशों के बीच काफी समय से लंबित है। भारत और रूस के बीच इस AK-203 राइफल के लिए डील पर सहमति कुछ साल पहले बनी थी, जिसके तहत भारत को 7.5 लाख AK-203 कलाशनिकोव राइफल मिलने की संभावना है। इनमें से 70,000 में रूसी उपकरण लगे होंगे, जबकि अन्य का निर्माण टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के तहत होना है।
पुतिन के भारत दौरे से पहले केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश में अमेठी के कोरवा में 5 लाख से अधिक AK-203 असॉल्ट राइफल के विनिर्माण की योजना को मंजूरी दी है। इसे रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के बड़े प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, यह यह रक्षा अधिग्रहण में खरीद (वैश्विक) से 'मेक इन इंडिया' तक के सफर में लगातार होते बड़े परिवर्तन को दर्शाता है। यह प्रयास रूस के साथ साझेदारी में किया जाएगा और यह रक्षा क्षेत्र में दोनों देशों के बीच गहरी होती साझेदारी को दर्शाता है।
पुतिन के दौरे से एक दिन पहले ही रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भारत पहुंचेंगे। वह 5-6 दिसंबर को भारत दौरे पर रहेंगे, जिस दौरान उनकी विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात होगी। इस दौरान भारत और रूस के बीच 2+2 मंत्री स्तरीय वार्ता भी होगी, जिसमें रक्षा क्षेत्र से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी। वहीं, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस दौरे के दौरान पीएम मोदी के साथ 21वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।
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