नई दिल्ली : राजस्थान के पूर्व डिप्टी मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मंगलवार को कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उनके बड़े भाई की तरह हैं और वे उनका काफी सम्मान करते हैं। पायलट ने कहा कि उन्हें परिवार से ऐसे कुछ 'संस्कार' मिले हैं जिसके चलते वे कभी भी किसी के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल नहीं करते। कांग्रेस नेता राहुल गांधी एवं प्रियंका गांधी से मुलाकात के बाद पायलट के सुर नरम पड़े हैं। इसके साथ ही राजस्थान सरकार पर मंडराने वाला संकट खत्म हो गया है।
पायलट ने कहा, 'मेरे और कुछ विधायकों द्वारा उठाए गए मुद्दों को देखने के लिए कांग्रेस की तरफ से एक तीन सदस्यीय समिति बनाई गई है। जो मुद्दे उठाए गए वे अहम हैं। राजनीति में व्यक्तिगत दुर्भावना एवं शत्रुता के लिए कोई जगह नहीं होती है। हमारी बैठक में प्रियंका जी और राहुल जी ने धैर्य पूर्वक हमारी चिंताओं को सुना और हमें भरोसा दिया कि समस्याओं के समाधान के लिए एक रोडमैप बनाया जाएगा।'
पायलट ने आगे कहा, 'मुझे अपने परिवार से कुछ संस्कार मिले हैं। मैं किसी का विरोध कर सकता हूं लेकिन मैंने कभी भी अभद्र भाषा का इस्तेमाल नहीं किया। अशोक गहलोत जी मेरे बड़े भाई की तरह हैं। मैं निजी तौर पर उनका काफी सम्मान करता हूं लेकिन मुझे काम से जुड़े मुद्दे उठाने की आजादी है। मुझे पद पाने की कभी कोई इच्छा नहीं है। ये चीजें आती हैं और जाती हैं। हमें लोगों के विश्वास को मजबूत बनाने की दिशा में काम करने की जरूरत है।' दरअसल, गहलोत ने कुछ दिनों पहले पायलट को 'निकम्मा' कहा था।
इससे पहले मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि बागी विधायक क्यों और किन परिस्थितियों में गए, इस बारे में बात कर उनकी नाराजगी दूर की जाएगी। गहलोत ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा ने हमारी सरकार गिराने के लिए पूरी कोशिश की लेकिन हमारा एक भी विधायक नही टूटा। यह बहुत बड़ी बात है। कांग्रेस के विधायकों ने इतिहास बनाया है।
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