राजस्थान की सियासत में कांग्रेस के अंदर अंतर्कलह की बात किसी से छिपी नहीं है। सीएम अशोक गहलोत कैंप और सचिन पायलट कैंप एक दूसरे पर निशाना साधते रहते हैं। हाल ही में जब दिवंगत गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला की अस्थियों को पुष्कर में प्रवाहित किया जा रहा था तो एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उस कार्यक्रम में विरोध के दौना जूते फेंके गए। इस घटना पर राजस्थान सरकार में मंत्री अशोक चंदना ने कहा कि वैसे जूता उछलवा कर सचिन पायलट सीएम बनना चाहते हैं तो उन्हें वैसा करना चाहिए क्योंकि वो लड़ना नहीं चाहते। लेकिन वो दिन जब वो लड़ने का मन बनाएंगे तो कोई एक ही बचेगा और वो वैसा नहीं चाहते।
जूता उछाले जाने पर अशोक चंदना की नाराजगी
दरअसल जूता उछालने का वाक्या तब सामने आया जब कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की ऐश को पुष्कर के ब्रह्म सरोवर में प्रवाहित किया जा रहा था। इस मौके पर बड़ी संख्या में गुर्जर समाज से जुड़े लोग इकट्ठा हुए थे। बताया जाता है कि अशोक चंदना जैसे ही मंच पर आए उन्हें निशाना बनाकर ना सिर्फ जूते फेंके गए बल्कि सचिन पायलट जिंदाबाद के नारे लगे। ट्वीट के जरिए अशोक चंदना ने कहा कि अद्भुत नजारा देखने को मिला जब राजेंद्र राठौड़ ने मंच पर बैठे 72 लोगों को मारने का आदेश दिया। ऐसे लोगों को निशाना बनाया गया जो गुर्जर आंदोलन के दौरान जेल गए थे।
'कम से कम शहीद परिवारों का किए होते सम्मान'
अशोक चंदना ने कहा कि मंच पर शहीदों के परिवार भी बैठे हुए थे। कम से कम उनके बारे में सोचना चाहिए था। कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के बारे में उन्होंने कहा कि गुर्जर समाज को जागरुक करने के लिए उन्होंने बहुत कुछ किया। उनके योगदान को समादज शताब्दियों तक याद रखेगा। उस खास मौके पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, राजस्थान बीजेपी के अध्यक्ष सतीश पूनिया, कांग्रेस विधायक शकुंतला रावत मौजूद थीं।
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