नई दिल्ली : गलवान घाटी में चीन के साथ हुए खूनी संघर्ष में शहादत पाने वाले भारतीय वीर जवानों का पार्थिव शरीर उनके गृह राज्य पहुंचने लगा है। इस बीच सेना ने बुधवार को कहा कि गलवान घाटी में चीन की सेना के साथ हुए हिंसक संघर्ष में शहादत को प्राप्त होने वाले सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा है कि सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। सोमवार की रात पूर्वी लद्दाख के गलवान वैली में चीनी सैनिकों के साथ हुए खूनी झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए।
चीन के 35 जवानों के मारे जाने की खबर
इस संघर्ष में चीन के सैनिकों के मारे जाने की भी खबर है लेकिन बीजिंग की तरफ से अभी तक इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है। चीन के मुख पत्र 'ग्लोबल टाइम्स' के संपादक ने यह जरूर कहा है कि चीन की तरफ भी नुकसान हुआ है लेकिन इस बारे में कोई संख्या नहीं दी गई है। समाचार एजेंसी पीटीआई ने अपनी एक रिपोर्ट में अमेरिकी खुफिया अधिकारियों के हवाले से कहा है कि गलवान घाटी के इस संघर्ष में चीन के 35 जवान मारे गए हैं।
पीएम ने कहा-हमें उकसाया गया तो मिलेगा करारा जवाब
सेना ने अपने एक ट्वीट में कहा, 'जनरल एमएम नरवाणे एवं सेना के सभी दाधिकारी गलवान घाटी में बहादुर जवानों के सर्वोच्च बलिदान को सैल्यूट करते हैं। हम जवानों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना जाहिर करते हैं। सेना देश की एकता एवं संप्रभुता की रक्षा करने के अपने संकल्प के साथ मजबूती के साथ खड़ी है। सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।' चीन को कड़ा संदेश देते हुए पीएम ने बगैर उसका नाम लेते हुए कहा, 'मैं देशवासियों को भरोसा देना चाहूंगा कि हमारे जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। हमारे लिए देश की एकता एवं संप्रभुता सबसे ज्यादा अहमियत रखती है। भारत शांति चाहता है लेकिन उसे उकसाया गया तो वह करारा जवाब देने की क्षमता रखता है।'
विदेश मंत्रालय ने भी दी कड़ी प्रतिक्रिया
गलवान में हुई हिंसा के बाद सीमा पर तनाव कम करने के लिए भारत और चीन ने कोशिश की है। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच फोन पर बातचीत हुई है। इस बातचीत में विदेश मंत्रालय ने चीन को कड़ा संदेश दिया है। भारत ने स्पष्ट रूप से चीन से कहा है कि गलवान घाटी में जो कुछ हुआ वह चीन को सोची समझी चाल है। विदेश मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा, 'गलवान में जो कुछ हुआ वह पहले से पूर्व नियोजित एवं चीन की तरफ से सुनियोजित तरीके से की गई कार्रवाई थी। गलवान घाटी में जो कुछ हुआ उसके लिए चीन जिम्मेदार है।' बयान के मुताबिक बातचीत के दौरान हिंसा के बाद सीमा पर उपजे हालात को जिम्मेदार तरीके से निपटने पर सहमति बनी है। दोनों पक्ष पीछे हटने को लेकर छह जून को बनी सहमति की ईमानदारी पूर्वक लागू करेंगे।
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