समाजवादी पार्टी के पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ प्रदेश अध्यक्ष चौधरी लौटन राम निषाद ने भगवान राम को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने भगवान राम के अस्तित्व सवाल खड़े करते हुए हुए उन्हेंफिल्म के पात्र जैसा काल्पनिक बताया। समाजवादी पार्टी नेता निषाद यहीं नहीं रूके उन्होंने इससे दो कदम और आगे बढ़ते हुए कहा कि संविधान भी यह मान चुका है कि भगवान राम जैसा कोई नायक भारत में पैदा हुआ ही नहीं। राम निषाद के इस बयान पर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता डॉ. चंद्रमोहन ने भी प्रतिक्रिया दी है और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से सफाई मांगी है।
क्या कहा राम निषाद ने
राम निषाद ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'राम का मंदिर बने चाहे कृष्ण का मंदिर, मुझे उससे कुछ नहीं...राम के प्रति मेरी आस्था नहीं है, यह मेरा व्यक्तिगत विचार है। मेरी आस्था अगर है तो वो है डॉ. भीमराव अंबेडकर के बनाए हुए संविधान पर है, कर्पूरी ठाकुर में है, छत्रपति शिवाजी महाराज में है जिनसे हमें पढ़ने का, लिखने का, सरकारी नौकरियों में कुर्सी पर बैठने का अधिकार संविधान से मिला है। ज्योतिबा फुले से मिला है, सावित्री बाई फुले से मिला है इसलिए जिनसे मेरा डायरेक्ट लाभ हुआ है मैं उनको जानता हूं। राम थे या नहीं थे, उनके अस्तित्व पर भी मैं प्रश्न चिह्न खड़ा करता हूं। राम एक काल्पनिक पात्र हैं जैसे फिल्म की स्टोरी बनाई जाती है, वैसे ही राम एक स्टोरी के पात्र हैं जिनका कोई अस्तित्व नहीं है। संविधान भी कह दिया है कि राम कोई नायक पैदा नहीं हुआ था, भारत में राम नाम को कोई पैदा ही नहीं हुआ था।'
भाजपा का निशाना
भाजपा ने निषाद के बयान को लेकर समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता डॉ. चंद्रमोहन ने कहा, 'सपा का कोई नेता अगर भगवान राम पर टिप्पणी करता है तो यह स्वाभाविक रूप से माना जाएगा कि वो अखिलेश यादव की टिप्पणी है। अखिलेश यादव इस पर टिप्पणी करें। एक तरफ भगवान राम भगवान विष्णु का मंदिर बनाने की बात करते हैं दूसरी तरफ भगवान परशुराम का मंदिर बनाने की बात करेंगे, लेकिन भगवान राम के बारे में अगर ऐसी टिप्पणी आएगी तो पता चलता है कि समाजवादी पार्टी केवल औऱ केवल ओछी राजनीति करना चाहती है।'
अखिलेश दें जवाब
डॉ. चंद्रमोहन ने आगे कहा, 'आज समाजवादी पार्टी की मजबूरी है कि वो मुद्दा विहीन हो चुकी है और उन्हें कुछ समझ में नहीं आ रहा है। राम भक्तों की ताकत के आगे ये सब लोग आज नेपथ्य की तरफ बढ़ रहे हैं। माननीय योगी जी की लोकप्रियता के आगे सपा के नेता बौना साबित हो रहे हैं इसलिए इस प्रकार के बयान दे रहे हैं। बांकि तो दुनिया जानती है और भगवान राम जन-जन के अराध्या हैं। भगवान राम के बारे में ओछी टिप्पणी कोई ओछा व्यक्ति ही कर सकता है। समाजवादी पार्टी तथा अखिलेश यादव को जवाब देना ही होगा।'
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