नई दिल्ली। देश में कोरोना के मामले साढ़े 11 लाख के करीह हैं। पूरे देश को एक अदद दवा या वैक्सीन का इंतजार है कि इस महामारी से आजादी मिले और सबकुछ पहले की तरह सामान्य हो। इस विषय पर डॉक्टरों और वैज्ञानिकों के साथ साथ नेता भी विचार रख रहे हैं। कुछ लोगों को लगता है कि वैक्सीन ही इलाज है। लेकिन कुछ लोग इस तरह के विचार से इत्तेफाक नहीं रखते, संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर रहमान बर्क एक हैं।
समाजवादी पार्टी के सांसद की सलाह
शफीकुर रहमान कहते हैं कि अब तक कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कारगर वैक्सीन नहीं मिली है, इसका अर्थ यह है कि यह रोग नहीं बल्कि हमारे पापों की भगवान द्वारा दी गई सजा है। कोरोना का सबसे इलाज यह है कि हम भगवान की पूजा करें। उन्होंने कहा कि हम लोग हर रोज खबर सुनते हैं कि वैक्सीन आ गई या आने वाली है। लेकिन पुख्ता तौर पर कोई कुछ भी कह पाने के हालात में नहीं है ऐसे में रास्ता क्या है।
मस्जिद खोलने की मांग
सांसद जी यही नहीं रुके। उन्होंने कहा कि बकरीद के मौके पर बाजारों को खोल देना चाहिए ताकि लोग जानवारों की खरीद कर सकें। मस्जिदों और ईदगाह को खोल देना चाहिए ताकि लोग नमाज अता कर कोरोना को भगा सकें। वो कहते हैं कि जब साइंस अपने मकसद को हासिल करने में नाकाम रहता है तो आस्था ही सबसे बड़ा हथियार होता है। यह समझना जरूरी है कि कहीं न कहीं आदम जात से कुछ गलतियां हुई होंगी और उसका नतीजा हम सभी भुगत रहे हैं।
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