केंद्र सरकार ने किसानों की मांगों को लेकर किसान संगठनों पर पत्र लिखा है। इस पर संयुक्त किसान मोर्चा ने आज बैठक की। बाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया गया कि सरकार का प्रस्ताव है कि जब हम आंदोलन समाप्त करेंगे, तभी वे (किसानों के खिलाफ) मामले वापस लेंगे। हम इसके बारे में आशंकित हैं, सरकार को तुरंत (मामलों की वापसी) प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए। हरियाणा में 48,000 लोगों पर मामले दर्ज हैं और भी देशभर में मामले दर्ज हैं। कल दोपहर 2 बजे बैठक होगी, जिसमें अंतिम फैसला लिया जाएगा।
वहीं बीकेयू नेता गुरनाम सिंह चरुनी ने कहा कि हम चाहते हैं कि 700 से अधिक मृतक किसानों को मुआवजे के लिए केंद्र पंजाब मॉडल का पालन करे; 5 लाख रुपए मुआवजा और पंजाब सरकार द्वारा घोषित नौकरी को भारत सरकार द्वारा भी लागू किया जाना चाहिए।
SKM ने कहा कि सरकार के जिन प्रस्तावों पर आपत्ति है, उन्हें सरकार को भेजा जाएगा। हमें कई बिंदुओं पर आपत्ति है, सरकार के साथ फिर बातचीत करेंगे, सरकार की प्रतिक्रिया के बाद कल दोपहर 2 बजे बैठक करेंगे और अंतिम निर्णय लेंगे। सरकार ने मुकदमे वापस लेने पर कुछ साफ नहीं कहा है, बैठक में किसानों ने सरकार की नीयत पर शक जताया है। किसान नेता युद्धवीर सिंह ने कहा कि 5 सदस्यीय कमेटी की एक बहुत महत्वपूर्ण बैठक हुई। उसमें सरकार की तरफ से प्रस्ताव पर विस्तार से चर्चा हुई। उस प्रस्ताव पर आज संयुक्त किसान मोर्चा के साथियों के साथ बैठक हुई, चर्चा हुई। कुछ साथियों को प्रस्ताव पर स्पष्टीकरण चाहिए था। विषय नोट कर लिए गए हैं उन्हें सरकार को भेजा जाएगा। उम्मीद है कि कल तक सरकार की तरफ से जवाब मिल जाएगा। उस पर कल 2 बजे फिर से बैठक होगी। सरकार की तरफ से जो भी उत्तर आएगा उसपर चर्चा की जाएगी।
वहीं राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने प्रस्ताव दिया कि वे हमारी मांगों पर सहमत होंगे और हमें आंदोलन समाप्त कर देना चाहिए। लेकिन प्रस्ताव स्पष्ट नहीं है। हमें अपनी आशंका है जिस पर कल दोपहर 2 बजे चर्चा होगी। हमारा आंदोलन कहीं नहीं जा रहा, यहीं रहेगा।
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