दिल्ली के जहांगीर पुरी में हनुमान जयंती के मौके पर निकली शोभा यात्रा में पथराव की घटना पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि चुनाव में राजनीतिक फायदा उठाने के लिए जानबूझकर देश का माहौल खराब किया जा रहा है। रामनवमी और हनुमान जयंती पर पहले कभी ऐसी घटनाएं नहीं हुईं, ये त्योहार शांतिपूर्ण ढंग से मनाए गए। ये घटनाएं पूर्व-नियोजित और राजनीतिक रूप से प्रायोजित हैं। यह हिंदू-मुस्लिम दंगों को भड़काने के लिए किया जा रहा है क्योंकि हिंदू-पाक, सर्जिकल स्ट्राइक और राम मंदिर के मुद्दे काम नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में शांति को खतरे में डालने की कोशिश की गई लेकिन यहां के लोग और पुलिस शांत हैं। कुछ लोगों का मिशन था राम और हनुमान के नाम पर दंगा भड़काना, राज्य के 'न्यू ओवैसी' हैं 'हिंदू ओवैसी'। हम ऐसा नहीं होने देंगे। मैंने किसी का नाम नहीं लिया। बीजेपी ने यूपी चुनाव जीतने के लिए एआईएमआईएम के ओवैसी से जो भी काम कराया, वही महाराष्ट्र के 'न्यू हिंदू ओवैसी' से बीजेपी करने को कह रही है।
'जो हुआ उससे भगवान राम भी बेचैन होंगे'
संजय राउत ने पार्टी के मुखपत्र सामना के लिए अपने साप्ताहिक कॉलम रोकठोक में विभिन्न राज्यों से रामनवमी के दिन हुई हिंसा की घटनाओं के बारे में लिखा है। शिवसेना सांसद ने लिखा कि मध्य प्रदेश के खरगोन में जो हुआ उससे भगवान राम भी बेचैन होंगे। उन्होंने लाउडस्पीकर विवाद पर भी बात की। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे ने कहा है कि राज्य सरकार को 3 मई तक मस्जिदों से सभी लाउडस्पीकरों को हटाना होगा, अन्यथा, मनसे हनुमान चालीसा बजाएगी।
जेएनयू की घटना और रामनवमी के मौके पर हिंसा की अन्य घटनाओं के बारे में बात करते हुए राउत ने कहा कि यह देश के लिए अच्छा संकेत नहीं है। रामनवमी के जुलूस हमेशा से देश की संस्कृति का हिस्सा रहे हैं, लेकिन इससे पहले कभी भी भगवान राम के नाम पर तलवारें नहीं चलाई गईं। इसे हिंदुत्व नहीं कहा जा सकता। भगवान राम के नाम पर सांप्रदायिक आग लगाना राम के विचार का अपमान है।
दूसरे विभाजन के बीज बो रहा है: राउत
राउत ने लिखा कि क्या कोई विश्वास कर सकता है कि मुसलमान गुजरात में रामनवमी जुलूस पर पत्थर फेंकेंगे, जो कि पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का गृह राज्य है? शिवसेना अगर मुंबई में हिंदुत्व का जुलूस निकालती है, तो उस पर कोई हमला नहीं होता है। लेकिन अगर बीजेपी या उसकी बी-टीम इस तरह के जुलूस का आयोजन करती है तो ऐसी अप्रिय घटनाएं जरूर होंगी। लगता है ऐसी व्यवस्था की गई है। अगर कोई कट्टरवाद की आग भड़काना चाहता है और चुनाव जीतने के लिए शांति भंग करना चाहता है, तो वह दूसरे विभाजन के बीज बो रहा है।
शिवसेना सांसद ने लिखा कि देश में 22 करोड़ मुस्लिम आबादी है। मुस्लिम आबादी बढ़ रही है। और अगर यह किसी के लिए चिंता की बात है, तो परिवार नियंत्रण पर कानून समाधान हो सकता है, रामनवमी के दंगे नहीं।
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