देश में गहराते कोरोना संकट के बीच संसद का मानसून सत्र सोमवार, 14 सितंबर से शुरू हो गया है। 1 अक्टूबर तक चलने वाले सत्र में कोरोना को देखते हुए पहली बार कई बदलाव किए गए हैं। यह पहली बार है जब संसद के दोनों सदनों सत्र आयोजित करने के लिए एकीकृत किया गया है। संसद में सांसदों के बैठने की व्यवस्था कुछ इस तरह की गई है कि उनके बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके।
राजनीतिक दलों को मेन चैम्बर और विजिटर्स गैलरी में निर्धारित सीटें दी गई हैं। यह पार्टियों पर है कि वे अपने किस सांसद के बैठने के लिए कहां जगह तय करती है। संसद सत्र की कार्यवाही के दौरान सांसद एक-दूसरे के संपर्क में न आएं, यह सुनिश्चित करने के लिए प्लास्टिक शीट का भी इस्तेमाल भी हो रहा है साथ ही सांसदों को अपनी उपस्थिति 'अटैंडेंस रजिस्टर' एप के जरिये देने की अनुमति भी दी गई है।
इस सत्र में कई चीजें पहली बार हो रही हैं जिनमें दोनों सदनों की बैठक सुबह-शाम की पालियों में होना और सत्र में एक भी अवकाश नहीं होना शामिल हैं। संसद परिसर में केवल उन लोगों को प्रवेश की अनुमति होगी जिनके पास कोविड-19 संक्रमण नहीं होने की पुष्टि करने वाली रिपोर्ट होगी और लोगों का इस दौरान मास्क पहनना अनिवार्य होगा।
सत्र के प्रारंभ से पहले सांसदों और संसद कर्मचारियों समेत 4,000 से अधिक लोगों की कोविड-19 के लिए जांच कराई गयी है। इस बार ज्यादातर संसदीय कामकाज डिजिटल तरीके से होगा और पूरे परिसर को संक्रमणुक्त बनाने के साथ ही दरवाजों को स्पर्शमुक्त बनाया जाएगा।इस बार सामाजिक दूरी के दिशानिर्देशों के तहत सांसदों के लिए विशेष बैठक व्यवस्था की गयी है।
सत्र के पहले दिन को छोड़कर बाकी दिन राज्यसभा की कार्यवाही सुबह की पाली में नौ बजे से दोपहर एक बजे तक संचालित होगी, वहीं लोकसभा अपराह्न तीन बजे से शाम सात बजे तक बैठेगी। दोनों सदनों के चैंबरों और गैलरियों का इस्तेमाल दोनों पाली में सदस्यों के बैठने के लिए किया जाएगा।दोनों पालियों के बीच पूरे परिसर को संक्रमण मुक्त किया जाएगा।
मॉनसून सत्र के 14 सितंबर से एक अक्टूबर तक आयोजन के दौरान तय मानक परिचालन प्रक्रियाओं के अनुसार सांसदों, दोनों सदनों के सचिवालयों के कर्मियों तथा कार्यवाही कवर करने वाले मीडियाकर्मियों को कोविड-19 की जांच कराने को कहा गया है और यह जांच सत्र शुरू होने से 72 घंटे से अधिक पहले नहीं होनी चाहिए।
संसद के मानसून सत्र के दौरान लगातार 18 बैठकें होंगी, जिसमें 45 विधेयक और 11 अध्यादेश लाए जाएंगे। संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही सप्ताह के सभी सात दिनों में होगी। इस बार साप्ताहिक अवकाश नहीं होगा। दोनों सदनों की कार्यवाही रोजाना चार-चार घंटे के लिए होगी। राज्यसभा की कार्यवाही सुबह की पाली में 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक होगी, जबकि लोकसभा की कार्यवाही अपराह्न 3 बजे से शाम 7 बजे तक होगी।
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