राजस्था के सरिस्का टाइगर रिजर्व में आग लगी हुई है। करीब 20 किमी में फैले आग पर काबू पाने के लिए प्रशासनिक मशीनरी के साथ स्थानीय लोग भी जुट गए हैं। इस समय वायुसेना के दो हेलीकॉप्टरों को आग बुझाने के अभियान में लगाया गया है। राजस्थान सरकार का कहना है कि बुधवार शाम तक आग पर काबू पा लिया जाएगा। आग की लपटों के बीच टी-17 और उसके दो शावक घिरे हुए हैें जिनकी तलाश की जा रही है। इन सबके बीच हम सरिस्का टाइगर रिजर्व के बारे में जानने की कोशिश करेंगे। आग किस वजह से लगी है उसके बारे में पुख्ता जानकारी नहीं है। लेकिन बताया जा रहा है कि मानवीय गलती की वजह से आग लगी होगी। राज्य सरकार का कहना है कि अभी पहली प्राथमिकता आग को जल्द से जल्द बुझाने की है।
एक नजर में सरिस्का टाइगर रिजर्व
सरिस्का में बाघों को लाने की कवायद
2005 में, राजस्थान सरकार ने, भारत सरकार और भारतीय वन्यजीव संस्थान के सहयोग से, सरिस्का में बाघों को फिर से लाने और गांवों के पुनर्वास की योजना बनाई थी। बाईपास के निर्माण की योजना पर भी चर्चा की गई थी। रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान से एक नर और दो मादाओं को लाने के फैसले के बाद यह निर्णय लिया गया था। भारतीय वन्यजीव संस्थान ने राजस्थान सरकार के साथ मिलकर इसरो के टोही उपग्रहों की मदद से बाघों को स्थानांतरित करना शुरू कर दिया है। नर बाघ का पहला हवाई स्थानान्तरण रणथंभौर से सरिस्का तक 28 जून 2008 को हेलीकॉप्टर द्वारा किया गया था।
Sariska fire : सरिस्का के जंगल में लगी भीषण आग, रिहायशी इलाकों की तरफ आने लगे जानवर
चार गांवों के विशेषज्ञों में से केवल दो को ही वास्तव में स्थानांतरित कर दिया गया था, हालांकि दूसरे, कांकवारी, बाघों को फिर से पेश किए जाने के लंबे समय बाद स्थानांतरित कर दिया गया था। हालांकि, राज्य पर्यटन विभाग द्वारा कांकवारी किले का जीर्णोद्धार किया गया है, जो संभवतः वन्यजीव संरक्षण मानदंडों का उल्लंघन कर सकता है। पहला स्थानांतरित गांव भगानी था। इसके अलावा, रिजर्व को पार करने वाली सड़कों का डायवर्जन, एक समस्या जो इसके वन्यजीवों के अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण है जोकि आज भी एक समस्या बनी हुई है
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।