Sawal Public Ka : काशी कॉरिडोर पर क्रेडिट लेने की होड़ में लगे हैं अखिलेश यादव, शब्दों की मर्यादा भी भूले?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में काशी कॉरिडोर का उद्धाटन किया। अखिलेश यादव ने कहा कि उनकी सरकार के दौरान ही काशी कॉरिडोर के लिए करोड़ों रुपए का आवंटन हुआ। इतना ही नहीं उन्होंने प्रधानमंत्री के लिए एक विवादित बयान दे दिया।

Sawal Public Ka : Akhilesh Yadav is in a race to take credit on Kashi Corridor, forget the dignity of words?
काशी कॉरिडोर के उद्घाटन के दिन भी इसका क्रेडिट समाजवादी पार्टी ने लेना चाहा 

Sawal Public Ka : अब से कुछ देर पहले प्रधानमंत्री मोदी ने गंगा आरती देखी। उनके साथ बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री और सहयोगी मुख्यमंत्री एक क्रूज पर सवार थे और वो लगातार गंगा घाट पर हो रही आरती को देख रहे थे। काशी का गंगाघाट आज रोशनी से चमक रहा था। आरती के बाद गंगाघाट पर लेजर शो भी किया गया। हर शाम गंगा घाट पर आरती होती है और उसे देखने के लिए हजारों लोग जमा होते हैं। लेकिन आज वहां लोगों की संख्या रोज से कहीं ज्यादा थी। आज का दिन अलौकिक था, राजनीति के लिए नहीं था लेकिन उत्तर प्रदेश में चुनाव होने वाले हैं, इसलिये राजनीति तो होनी ही थी। ये लगातार देखने में आ रहा है कि यूपी में विकास के कामों पर क्रेडिट लेने की होड़ है और इस रेस में समाजवादी पार्टी सबसे आगे है।

आज काशी कॉरिडोर के उद्घाटन के दिन भी इसका क्रेडिट समाजवादी पार्टी ने लेना चाहा। अखिलेश यादव ने आज सुबह ट्ववीट किया कि उनकी सरकार के दौरान ही काशी कॉरिडोर के लिए करोड़ों रुपए का आवंटन हुआ और उसी दौरान भवनों का अधिग्रहण भी शुरू किया गया था। ट्वीट पर बात नहीं थमी तो अखिलेश यादव खुद मीडिया के कैमरे पर आ गये और बात काशी कॉरिडोर से आगे निकल गई और उन्होंने प्रधानमंत्री के लिए एक विवादित बयान दे दिया।

समाजवादी पार्टी क्रेडिट की रेस में लगी है तो कांग्रेस हर मुद्दों पर आलोचना की राजनीति करती दिख रही है। सुनिये कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन ने काशी कॉरिडोर के उद्घाटन को लेकर क्या कहा

तो पब्लिक आज सवाल पूछ रही है:- 

  1. क्या अखिलेश यादव क्रेडिट लेने की होड़ में लगे हैं ?
  2. क्या क्रेडिट की रेस में शब्दों की मर्यादा भूले अखिलेश ?
  3. विकास का मतलब प्लान बनाना या काम पूरा करना ?
  4. और क्या मंदिरों का विकास कांग्रेस को पसंद नहीं है ? 

प्रधानमंत्री मोदी आज सुबह काशी पहुंचते ही सबसे पहले काल भैरव मंदिर पहुंचे। कालभैरव को काशी का कोतवाल कहते हैं। ऐसी मान्यता है कि काशी में कोई भी काम कालभैरव की अनुमति के बगैर नहीं किया जाता है। ऐसा मानते हैं कि काशी विश्वनाथ के दर्शन से पहले काल भैरव का दर्शन जरूरी होता है। इसलिये प्रधानमंत्री सबसे पहले वहीं पहुंचे। मंदिर से बाहर निकलकर वो आम लोगों के बीच भी पहुंच गये। काशी के लोगों ने उनका खुले दिल से स्वागत किया।

प्रधानमंत्री के काशी दौरे की तीसरी सबसे आकर्षक तस्वीर रही जब वो ललिता घाट पहुंचे। प्रधानमंत्री ने वहां लाल रंग का वस्त्र धारण किया और गंगा नदी में डुबकी लगाई। प्रधानमंत्री अपने क्रूज से उतरकर गंगा की धार के बीच पहुंचे। पहले डूबकी लगाई, फिर मां गंगा का जलाभिषेक किया। उसके बाद मंत्र जाप भी किया। वहीं से गंगाजल लेकर वो काशी विश्वनाथ धाम पहुंचे। प्रधानमंत्री के दौरे की चौथी आकर्षक तस्वीर तब आयी, जब वो काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में दाखिल हुए। वहां मौजूद लोगों ने डमरू बजाकर उनका स्वागत किया गया। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने काशी विश्वनाथ की पूजा अर्चना की

काशी विश्वनाथ की पूजा के बाद प्रधानमंत्री मोदी उन कारीगरों के बीच पहुंच गये, जिन्होंने मात्र तैंतीस महीने में इस कॉरिडोर का निर्माण किया। प्रधानमंत्री मोदी ने उन कारीगरों से बात की और उनपर फूल बरसाकर उनका अभिवादन किया।
 

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