Sawal Public Ka : सत्याग्रह वो पवित्र शब्द है जिसे महात्मा गांधी ने अंग्रेजों के खिलाफ आजादी की लड़ाई में औजार बनाया। लेकिन क्या सरनेम में गांधी जुड़े होने के नाम पर आज सत्याग्रह का तमाशा बनाया गया? नेशनल हेराल्ड केस में ED ने आज राहुल गांधी को पूछताछ के लिए बुलाया। राहुल पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। लेकिन ED की पूछताछ को लेकर कांग्रेस ने देश भर में जो विरोध प्रदर्शन किया, क्या वो कानूनी प्रक्रिया का मजाक बनाना नहीं है? क्या ये सोच खतरनाक नहीं कि कोई जांच एजेंसी गांधी परिवार को पूछताछ के लिए कैसे बुला सकती है?
कांग्रेस का आरोप है कि ED की जांच राजनीतिक बदला है, लेकिन सवाल ये कि सत्याग्रह की बात करने वाले लोग क्या सच का सामना करने की बजाय शक्ति प्रदर्शन कर रहे थे, ताकि जांच एजेंसी पर दबाव बन जाए? सवाल पब्लिक का आज यही है।
कानून की सीधी प्रक्रिया के तहत सोनिया और राहुल गांधी को ED ने समन भेजा है। सोनिया गांधी बीमार हैं, लेकिन आज जब राहुल को ED के सामने पेश होना पड़ा तो इस मौके को राहुल की राजनीतिक ताकत बताने का इवेंट बना दिया गया। प्रियंका गांधी, अशोक गहलोत, भूपेश बघेल, मल्लिकार्जुन खड़गे, दिग्विजय सिंह, रणदीप सुरजेवाला, के सी वेणुगोपाल समझिए पूरी कांग्रेस आज सड़कों पर उतर आयी थी।
इन नेताओं ने सड़क पर प्रदर्शन किया, इन्हें हिरासत में लिया गया। माहौल ऐसा बनाया गया जैसे ये नेता कोई बड़ी राजनीतिक जंग लड़ रहे हों या फिर जनता के किसी मुद्दे पर सरकार से दो-दो हाथ कर रहे हों। हालांकि ऐसा लगा कि नेताओं की ड्यूटी लगाई गई है। दिग्विजय सिंह को टाइम्स नाउ नवभारत ने हाजिरी का रजिस्टर खोजते पकड़ा। जरा सुनिए वो क्या कह रहे थे?
कांग्रेस ने सुबह-सुबह पोस्टर लगाया था। राहुल गांधी झुकेगा नहीं। कांग्रेस के पोस्टर में सावरकर के नाम पर राजनीतिक गोल करने की कोशिश भी की गई। लेकिन दोपहर में कांग्रेस के प्रदर्शन के दौरान यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी. का एक वीडियो वायरल हो गया। दिल्ली पुलिस के एक अफसर से बचने के लिए वो भागते दिखे..वो वीडियो भी पूरा देख लीजिए।
कांग्रेस ने राहुल गांधी से ED की पूछताछ पर हंगामा कर दिया। लेकिन कांग्रेस के इसी हंगामे में एक एंबुलेंस फंसी दिखी। ये तस्वीर बेंगलुरु में दिखी। मरीज को ले जा रही इस एंबुलेंस को कई बार ट्रैफिक में डायवर्ट करना पड़ा। करीब 1 घंटे तक मरीज को इलाज इसलिये नहीं मिला क्योंकि एंबुलेंस कांग्रेस के प्रदर्शन में फंसी रही। बेंगलुरू में एंबुलेंस को रास्ता नहीं मिला। तो दिल्ली में प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस के एक कार्यकर्ता की भी तबीयत खराब हो गई। उसे भी अस्पताल ले जाने के लिए गाड़ी नहीं मिली। काफी मुश्किल के बाद उसे गाड़ी मिली। ये तो जो आज हुआ वो आपने देखा।
नेशनल हेराल्ड की 800 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी जिसकी मार्केट वैल्यू आज की तारीख में करीब 2000 करोड़ रुपये है । इस प्रॉपर्टी को यंग इंडियन नाम की कंपनी को ट्रांसफर करने के आरोपों का मामला ED की जांच के दायरे में है। इसे समझाने से पहले ये बता दूं कि यंग इंडियन में सोनिया गांधी और राहुल गांधी की हिस्सेदारी 38-38% है। अब आरोपों की पूरी CYCLE को समझिए ।
- नेशनल हेराल्ड - 800 करोड़ की कंपनी है ( आज मार्केट वैल्यू 2000 करोड़ )
- नेशनल हेराल्ड पर 90 करोड़ का कर्ज
- नेशनल हेराल्ड को 90 करोड़ कर्ज AICC यानी कांग्रेस पार्टी देती है..सवाल उठता है क्यों? कोई पॉलिटिकल पार्टी किसी कंपनी को कर्ज क्यों देगी?
- AICC ने जो 90 करोड़ कर्ज दिया वो नेशनल हेराल्ड से वसूल नहीं पायी।
- अब यंग इंडियन नाम की कंपनी सीन में आती है। उसने 90 करोड़ का कर्ज 50 लाख में खऱीद लिया।
- यंग इंडियन इस तरह से नेशनल हेराल्ड की 90 करोड़ की मालिक तो बन ही गई। साथ में 800 करोड़ जिसकी मार्केट वैल्यू आज करीब 2000 करोड़ है, उसकी भी मालिक बन गई।
- अब जो DOTEX की बात आप सुन रहे हैं उस पर आरोप है कि उसने बिना सिक्योरिटी एक करोड़ का लोन यंग इंडियन को दिया, सुनिए, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का आरोप।
अब ये पूरा मामला मनी लॉन्डरिंग के तहत क्यों आता है? आयकर की जांच के मुताबिक AJL की संपत्तियां यंग इंडियन ने हासिल की हैं। AJL की संपत्तियां हासिल करने में शेयर होल्डर्स से धोखाधड़ी का आरोप है। दिल्ली की एक कोर्ट ने धोखाधड़ी के मामले का संज्ञान लिया। सोनिया, राहुल दिल्ली की कोर्ट में चल रहे मामले में जमानत पर हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सोनिया, राहुल के खिलाफ केस रद्द करने से इनकार किया है। AJL की संपत्तियों का कॉमर्शियल इस्तेमाल हो रहा है। यंग इंडियन ने 2010 के बाद से कोई चैरिटी का काम नहीं किया। लेकिन सोनिया और राहुल के कटघरे में होने के बावजूद कांग्रेस ED के केस को राजनीतिक मुद्दा बनाने में लगी है।
अब हम आपको कुछ एक्सक्लूसिव तस्वीरें दिखाते हैं जिसमें AJL की प्रॉपर्टी का कमर्शियल इस्तेमाल हो रहा है। देखिए ये AJL हाउस के वीडियो है। उपर JSW का बोर्ड लगा है। द एसिसिएट जनरल्स लिमिटेड की बिल्डिंग में दूसरे दफ्तर खुले हुए हैं। मतलब उससे इनकम तो हो रहा है।
राहुल गांधी से भी ED पूछताछ की। ये पूछताछ सुबह करीब साढ़े 11 बजे शुरू हुई थी। बीच में 90 मिनट का लंच ब्रेक भी हुआ। 2010 में गुजरात दंगे के केस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौ घंटे SIT की पूछताछ का सामना किया था। मोदी तब गुजरात के मुख्यमंत्री थे। तब SIT चीफ रहे आर. के. राघवन ने मोदी से पूछताछ करने वाले SIT के सदस्य अशोक मल्होत्रा के हवाले से अपनी किताब में लिखा है कि SIT दफ्तर में मेरे चैंबर में मोदी से 9 घंटे सवाल जवाब हुए। मल्होत्रा ने मुझे बाद में बताया कि इस दौरान मोदी ने शांति के साथ सवालों का जवाब दिया। सवाल जवाब का दौर देर रात खत्म हुआ। उन्होंने किसी सवाल को टाला नहीं, ना ही घुमाने का प्रयास किया। जब मल्होत्रा ने उनसे पूछा कि आप लंच ब्रेक लेना चाहेंगे, तो उन्होंने इसके लिए मना कर दिया। वो अपने साथ खुद पानी की बोतल लेकर आए थे, और करीब 100 कठिन सवालों के मैराथन के बीच उन्होंने एक कप चाय भी स्वीकार नहीं की। कई प्रयासों के बाद उनको छोटे ब्रेक के लिए मना पाए।
सवाल पब्लिक का
1. क्या राहुल गांधी को मनी लॉन्डरिंग केस से बचाने के लिए राजनीतिक हंगामा हुआ?
2. राहुल गांधी से पूछताछ पर कांग्रेस का रवैया देश की कानूनी प्रक्रिया के खिलाफ?
3. क्या नेशनल हेराल्ड मामले की जांच को लेकर राहुल को नरेंद्र मोदी से सीखने की जरूरत है?
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