नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने प्रॉपर्टी को लेकर केयरटेकर के दावे के संबंध में बड़ा फैसला सुनाया है सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एक केयरटेकर या नौकर अपने लंबे समय तक कब्जे के बावजूद संपत्ति पर कभी दावा नहीं कर सकता है, सुप्रीम कोर्ट ने ने कहा कि जब मकान मालिक कहेगा तो उसे (केयरटेकर या नौकर को) मकान या प्रॉपर्टी को खाली करना होगा।
जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस अभय एस ओका की पीठ ने यह बात ट्रायल जज के एक आदेश के खिलाफ दायर एक अपील पर सुनवाई करते हुए कही ट्रायल कोर्ट के आदेश की हाईकोर्ट ने भी पुष्टि की थी।
सुप्रीम कोर्ट के अपीलकर्ता (हिमालय विनट्रेड प्राइवेट लिमिटेड) ने एक संपत्ति खरीदने के लिए मालिक के साथ एक करार किया था। सेल डीड (बिक्री विलेख) के जरिए अपीलकर्ता का उस संपत्ति पर स्वामित्व का अधिकार हो गया।
सुप्रीम कोर्ट के समक्ष प्रतिवादी (मोहम्मद जाहिद व अन्य) को उस संपत्ति के पूर्व मालिक द्वारा एक केयर टेकर के तौर में नियुक्त किया गया था। पूर्व मालिक द्वारा प्रतिवादी को उस संपत्ति पर निवास करने की अनुमति दी गई थी। प्रतिवादी ने एक मुकदमा दायर करते हुए यह दावा किया कि केयर टेकर के तौर पर उसका उस संपत्ति पर वैध कब्जा है और वह संपत्ति के एकमात्र मालिक है उसने उस संपत्ति से बेदखल करने से रोकने के लिए स्थायी निषेधाज्ञा की भी मांग की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल जज और हाईकोर्ट द्वारा दिए गए विचार से असहमति जताई हुए कहा, 'केयर टेकर या नौकर अपने लंबे कब्जे के बावजूद संपत्ति पर कभी भी दावा नहीं कर सकते और मांग पर उन्हें तुरंत कब्जा देना पड़ेगा।'
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