नई दिल्ली : त्रिपुरा (Tripura) की कानून-व्यवस्था पर तृणमूल कांग्रेस (TMC) की ओर से दायर अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) मंगलवार को सुनवाई करेगा। टीएमसी ने अपनी अर्जी में दावा किया है कि राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव (Local body polls) से पहले कानून-व्यवस्था की हालत 'बदतर' हो गई है। शीर्ष अदालत का आज का फैसला अहम है। राज्य में स्थानीय चुनाव को लेकर भाजपा (BJP) और टीएमसी में टकराव एवं तनाव बढ़ गया है।
इससे पहले कोर्ट ने त्रिपुरा के पुलिस अधिकारियों से कहा था कि राज्य में सभी राजनीतिक दल शांतिपूर्वक अपना चुनाव कार्यक्रम चला सकें, इसे वे सुनिश्चित करे। त्रिपुरा में 25 नवंबर को अगरतला नगर निगम (एएमसी) और 12 अन्य स्थानीय निकायों के चुनाव होने वाले हैं और इससे पहले यहां हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं। टीएमसी का आरोप है कि राज्य में उसके नेता सुबह भौमिक के आवास पर रविवार को हमला हुआ और इस हमले में कई लोग घायल हुए।
केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक ने सोमवार को आरोप लगाया कि राज्य का माहौल खराब करने के लिए पश्चिम बंगाल से हजारों लोगों को त्रिपुरा लाया गया है। भौमिक ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के संगठन आईपैक पर फर्जी एवं गलत जानकारियां फैलाने का भी आरोप लगाया है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सोमवार को दिल्ली पहुंचीं। उन्होंने कहा है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगी और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का अधिकार क्षेत्र बढ़ाये जाने तथा त्रिपुरा में हो रहे अत्याचारों के मुद्दे उठाएंगी। बनर्जी ने यह भी कहा कि त्रिपुरा में "पार्टी के कार्यकर्ताओं पर हमले" और एक युवा नेता सायनी घोष की गिरफ्तारी के विरोध में राष्ट्रीय राजधानी में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसदों के धरने में वह शामिल नहीं हो सकेंगी, लेकिन उनके साथ निश्चित तौर पर एकजुटता व्यक्त करेंगी।
वहीं, टीएमसी के सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिला। गृह मंत्रालय के बाहर सोमवार सुबह से धरने पर बैठे सांसदों को दोपहर में शाह से मिलने का समय दिया गया। तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा, ‘हमने उन्हें विस्तार से बताया कि कैसे नेताओं को गिरफ्तार किया जा रहा है और सांसदों को पीटा जा रहा है। उन्होंने हमें बताया कि उन्होंने कल त्रिपुरा के मुख्यमंत्री से फोन पर बात की थी और हमें आश्वासन दिया कि वह राज्य से रिपोर्ट मांगेंगे।’प्रतिनिधिमंडल में सुखेंदु शेखर रॉय, शांतनु सेन, कल्याण बनर्जी, डेरेक ओ ब्रायन, माला रॉय और 11 अन्य सांसद शामिल थे।
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