पुणे : देश के करीब दर्जन भर राज्यों में बर्ड फ्लू (एवियन एनफ्लुएंजा) ने दस्तक दे दी है और राज्य सरकारें इसका संक्रमण फैलने से रोकने के लिए कदम उठा रही हैं। इस बीच पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन विभाग के सचिव अतुल चतुर्वेदी ने कहा है कि प्रवासी पक्षी हर साल दुनिया भर से इस वायरस को लेकर आते हैं और देश में प्रत्येक वर्ष एवियन फ्लू के मामले मिलते हैं। चतुर्वेदी ने मंगलवार को टीओआई से बातचीत में कहा कि भारत में बर्ड फ्लू के मामले सर्दी के मौसम सितंबर-अक्टूबर से शुरू होकर फरवरी-मार्च तक मिलते हैं। इसे लेकर अनावश्यक रूप से परेशान होने की जरूरत नहीं है। भारत में यह एक आम घटना है।
2006 से भारत में इंसान के संक्रमित होने का मामला नहीं
सचिव ने कहा, 'इस वायरस से कभी पक्षी ज्यादा मरते हैं और कभी कम। प्रवासी पक्षियों की वजह से हर साल भारत में बर्ड फ्लू के मामले सामने आते हैं और वायरस फैलने का मौसम बीत जाने के बाद देश को बर्ड फ्लू मुक्त घोषित कर दिया जाता है।' उन्होंने आगे कहा, 'जहां तक भारत में बर्ड फ्लू की बात है तो 2006 से भारत में पक्षियों से इंसानों के संक्रमित होने का एक भी मामला सामने नहीं आया है। मनुष्य से मनुष्य में संक्रमण तो दूर की बात है।'
पोल्ट्री उत्पादों पर रोक लगाने की जरूरत नहीं
अधिकारी ने आगे कहा कि जिन राज्यों में पक्षियों में बर्ड फ्लू के मामले मिले हैं, उन राज्यों से पोल्ट्री उत्पादों पर रोक लगाने की कोई जरूरत नहीं है। चतुर्वेदी ने कहा कि पोल्ट्री उत्पादों को अच्छी तरह से यदि पकाकर खाया जाता है तो इसमें कोई डरने की बात नहीं है। उन्होंने कहा कि बर्ड फ्लू से संक्रमित 10 राज्यों में से केवल तीन राज्यों महाराष्ट्र, हरियाणा और केरल के पोल्ट्री एवं बत्तखों में बर्ड फ्लू का संक्रमण मिलने की पुष्टि हुई है। इसलिए यहां इन पक्षियों को मारने की जरूरत पड़ी है।
क्या है बर्ड फ्लू
बर्ड फ्लू (एवियन एनफ्लुएंजा) एक वायरल संक्रमण है जो मुख्य रूप से पक्षियों में फैलता है। यह मनुष्यों को भी संक्रमित कर सकता है। मनुष्य के इससे संक्रमित होने पर गले में खराश का अनुभव होता है। बाद में बुखार, मांसपेशियों में दर्द, शरीर में ठंडापन, पसीना, सिर में दर्द, सूखा कफ, नाक में पानी और थकान के लक्षण दिखते हैं। दो साल की उम्र से कम के बच्चे और 65 साल से ज्यादा के लोगों के इसकी चपेट में आने का खतरा रहता है। इनके अलावा गर्भवती महिलाएं जोखिम वर्ग में मानी जाती हैं।
ऐसे करें बचाव
संक्रमित पोल्ट्री के करीब और उसके आस-पास जाने से बचना चाहिए। चिकन और अंडे को अच्छी तरह से पकाकर खाएं। उच्च ताप पर पकाने पर चिकन और अंडे के वायरस खत्म हो जाते हैं। पक्षियों के साथ सीधे संपर्क में आने पर इनफ्लुएंजा एंटीवायरल ड्रग लिया जा सकता है।
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