नई दिल्ली : लद्दाख के पूर्वी भाग में चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) का जमावड़ा किस तरीके से हुआ और वह अपनी इतनी बड़ी तादाद वहां कैसे बढ़ाई, इस पर सुरक्षा एजेंसियों ने सरकार के पास एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी है। बता दें कि मई के पहले सप्ताह से सीमा पर भारत और चीन के बीच तनाव बना हुआ है। कूटनीतिक एवं सैन्य स्तर के प्रयासों से इस गतिरोध में कमी तो आई है लेकिन यहां विवाद पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। छह जून को दोनों देशों के बीच लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की वार्ता होनी है। समझा जाता है कि इस बैठक में गतिरोध तोड़ने का कोई रास्ता निकल सकता है।
सरकार को विस्तार से दी जानकारी
समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि लद्दाख के पूर्वी भाग में हाल के दिनों में चीनी सेना के इस जमावड़े पर सुरक्षा एजेंसियों ने एक विस्तृत रिपोर्ट सरकार को सौंपी है। सूत्रों का कहना है कि रिपोर्ट में पैंगांग त्सो सेक्टर, दौलत बेग ओल्डी सेक्टर सहित अलग-अलग इलाकों में चीनी सेना के जमावड़े के बारे में विस्तार से बताया गया है। सूत्रों के मुताबिक सुरक्षा एजेंसियों ने सरकार को यह भी बताया है कि लद्दाख के इन इलाकों में चीन की सेना कैसे इतनी जल्दी एकत्र हो जाती है और इसके बाद बड़ी संख्या में अपने जवानों को तैनाती कर लेती है।
गत पांच मई को हुई पहली झड़प
वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास भारतीय क्षेत्र में दोनों देशों की सेनाओं के बीच पहली झड़प गत पांच मई को हुई और इसके बाद चीन ने एलएसी के पास पूर्वी लद्दाख में अलग-अलग जगहों पर अपने 5000 से ज्यादा जवानों की तैनाती कर दी। पांच मई को पैंगांग झील के उत्तरी किनारे पर भारत और चीन के करीब 200 जवान आमने-सामने आ गए। यहां दोनों देशों के जवानों के बीच झड़प हुई जिसमें दोनों तरफ के जवान जख्मी हुए।
पीएलए ने अपनी मौजूदगी से चौंकाया
सूत्रों के मुताबिक पीएलए ने अपनी ज्यादा तादाद से भारतीय जवानों को चौंका दिया। इसके बाद भारतीय फौज ने भी अपनी संख्या बढ़ानी शुरू कर दी। भारत ने भी चीनी सैनिकों के बराबर ऊंचे चोटियों पर लड़ाई में माहिर अपनी टुकड़ी एवं अन्य सैन्य दस्तों को लद्दाख के अलग-अलग इलाकों में तैनात करना शुरू किया। भारतीय सैन्य बलों की यह तैनाती लद्दाख क्षेत्र में नियमित सैनिकों के अतिरिक्त थी।
भारतीय क्षेत्र में और अंदर दाखिल होना चाहती थी पीएलए
मई के पहले सप्ताह से एलएसी के पास भारतीय क्षेत्र में चीनी सेना मौजूद है और तब से जमीनी स्तर पर कोई बदलाव नहीं देखने को मिला है इस दौरान दोनों देशों के बीच सैनिकों में कई बार आमना-सामना हुआ है। सुरक्षा एजेंसियों का आकलन है कि चीन की सेना भारतीय क्षेत्र में और अंदर दाखिल होने का इरादा रखती थी लेकिन भारत की तरफ से जो त्वरित कार्रवाई हुई उससे पीएलए के जवान आगे नहीं बढ़ पाए। बता दें कि गत नौ मई को नाथू ला सेक्टर में दोनों देशों के करीब 150 सैनिक आमने-सामने आ गए। यहां भी सैनिकों के बीच झड़प हुई।
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