Pulwama Attack: लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों (सेवानिवृत्त) ने 2019 में 14 फरवरी को हुए पुलवामा हमले के समय श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर में 15 कोर की कमान संभाली हुई थी। आज इस हमले के 3 साल पूरे होने के मौके पर उन्होंने कहा कि सुरक्षाबलों ने हमले के 100 घंटे के भीतर एक पाकिस्तानी नागरिक कामरान के नेतृत्व में पुलवामा हमले के पीछे के मॉड्यूल को खत्म कर दिया था। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवादी इस हद तक मरने से डरते थे कि जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ सुरक्षाबलों की कार्रवाई के बाद कोई भी नेतृत्व नहीं करना चाहता था।
न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए ढिल्लों ने कहा कि सुरक्षाबलों ने हमले के 100 घंटे के भीतर एक पाकिस्तानी नागरिक कामरान के नेतृत्व वाले पुलवामा हमले के पीछे के मॉड्यूल को खत्म कर दिया था। जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ सुरक्षाबलों के ऑपरेशन के बाद उनके आतंकवादी मरने से बहुत डरे हुए थे। कोई भी नेतृत्व की भूमिका नहीं लेना चाहता था। ढिल्लों ने कहा कि हमारे पास इंटरसेप्ट हैं जहां पाकिस्तान से आतंकवादियों को नेतृत्व की भूमिका निभाने के लिए कहा गया, लेकिन उन्होंने मना कर दिया।
14 फरवरी, 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में एक आत्मघाती हमलावर द्वारा एक आतंकी हमला किया गया, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवानों की मौत हो गई। जैश-ए-मोहम्मद के आदिल अहमद डार के रूप में पहचाने जाने वाले आत्मघाती हमलावर ने सीआरपीएफ के काफिले के साथ अपने वाहन से एक बस में टक्कर मार दी थी।
ढिल्लों ने यह भी कहा कि पाकिस्तानी सेना, आईएसआई और आतंकवादी संगठन एक साथ काम करते हैं, इसलिए कोई भी पाकिस्तानी सेना की सक्रिय भागीदारी और मार्गदर्शन के बिना नियंत्रण रेखा पार नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना, आईएसआई और आतंकवादी संगठन मिलकर काम करते हैं। पाक सेना की सक्रिय भागीदारी और मार्गदर्शन के बिना कोई भी एलओसी पार नहीं कर सकता है। हमने गुलमर्ग सेक्टर में एलओसी पर उन पाक नागरिकों को पकड़ा, जिन्हें हमारी पोस्ट के विरोध में पाक पोस्ट द्वारा एलओसी पर लाया गया था।
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