Rahul Gandhi : राहुल गांधी एक बार फिर सवालों के घेरे में हैं। कांग्रेस नेता और ग्रुप-23 में शामिल पी.जी.कुरियन ने राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी वरिष्ठ नेताओं से सलाह-मशविरा नहीं करते हैं। वह अभी भी कांग्रेस पार्टी को अपनी शर्तों पर चला रहे हैं। जो कि सही नहीं है। कूरियन ने यह भी कहा है कि ऐसा कोई जरूरी नहीं है कि गांधी परिवार का सदस्य ही हर बार कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष बने।
पार्टी को मजबूत अध्यक्ष की जरूरत
एक मैंगजीन को दिए इंटरव्यू में राज्य सभा के पूर्व उप सभापति पी.जी.कुरियन ने कहा कि जब 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को भारी हार का सामना करना पड़ा था, उस वक्त राहुल गांधी, पार्टी को अकेला छोड़ कर भाग गए थे। इसके बावजूद वह अभी भी पार्टी को अपने अनुसार चला रहे है। पार्टी को एक मजबूत अध्यक्ष की जरूरत है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार कूरियन ने यह भी कहा कि राहुल गांधी खुद अध्यक्ष बनने के इच्छुक नहीं हैं, लेकिन किसी अन्य को अध्यक्ष चुने जाने की अनुमति भी नहीं दे रहे हैं। राहुल केवल उन्हीं लोगों की सुनते हैं जिनके पास कोई अनुभव नहीं है। यही लोग उन्हें चारों तरफ से घेरे हुए हैं। कूरियन ने यह भी कहा कि राहुल गांधी को 2019 की हार के बाद पार्टी के नेतृत्व की इच्छा शक्ति दिखानी चाहिए थी। लेकिन जहाज डूबने के डर से कैप्टन जहाज से ही कूद गया।
लगातार हार से गांधी परिवार पर उठ रहे हैं सवाल
साल 2014 से 36 प्रमुख चुनावों में हार का सामना कर चुकी, कांग्रेस में अब गांधी परिवार के नेतृत्व को लेकर खुलकर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं। पांच राज्यों में चुनावी हार के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल एक इंटरव्यू में कहा था कि अब वक्त आ गया है कि 'घर की कांग्रेस' की जगह 'सब की कांग्रेस' हो। उसके बाद से G-23 के कई वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रस में कड़े फैसले लेने की मांग की है। इसमें गुलाम नबी आजाद, शशि थरूर, मनीष तिवारी से लेकर कई वरिष्ठ नेता शामिल हैं। बढ़ते विरोध के बाद अंतरिम कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नाराज नेताओं को माने की कोशिशें भी शुरू कर दी हैं। लेकिन लगता है कि पार्टी की मुश्किलें अभी खत्म नहीं होने वाली है।
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