शाहीन बाग में 'कोरोना' का खौफ, प्रदर्शनकारी बोले- हमें भी सैनेटाइजर और मास्क प्रदान करे सरकार

देश
किशोर जोशी
Updated Mar 13, 2020 | 12:30 IST

शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर लगभग पिछले तीन महीने से विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इस बीच कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप का असर यहां भी देखने को मिल रहा है।

Shaheen bagh protestors demanded sanitizers and masks for the safety purpose
शाहीन बाग: प्रदर्शनकारी बोले- हमें सैनेटाइजर, मास्क दे सरकार  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पिछले तीन महीने से शाहीन बाग में हो रहा है धरना प्रदर्शन
  • कोरोना वायरस का खौफ शाहीन बाग पर भी दिख रहा है, प्रदर्शनकारियों ने सरकार से लगाई गुहार
  • प्रदर्शनाकारी बोले- स्क्रीनिंग सेंटर लगाए सरकार और हमें प्रदान करे मास्क तथा सैनेटाइजर

नई दिल्ली: शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ पिछले लगभग तीन महीनों से विरोध प्रदर्शन चल रहा है। इस विरोध प्रदर्शन की वजह से दिल्ली से नोएडा जाने वाले लोगों का काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच देश में कोरोना वायरस के मामले लगातार सामने आने का असर शाहीन बाग प्रदर्शन पर भी देखने को मिल रहा है और लोगों की भीड़ पहले के मुकाबले काफी कम हो गई है।

प्रदर्शनकारियों की सरकार से गुहार

 कोरोना के खौफ के चलते प्रदर्शनकारी अब मास्क लगाकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके अलावा कोरोनोवायरस के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते एहतियाती उपाय के रूप में प्रदर्शनकारियों ने सैनिटाइज़र का उपयोग करना शुरू कर दिया है। प्रदर्शनकारियों ने अब सरकार से शाहीन बाग में स्क्रीनिंग सेटअप लगाने की मांग की है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह एक सार्वजनिक सभा है और उनकी सुरक्षा को देखते हुए सरकार को उन्हें सैनिटाइज़र और मास्क प्रदान करने चाहिए।

14 दिसंबर से चल रहा है धरना

शुक्रवार को शाहीन बाग में दिल्ली हिंसा को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की जानी है जिसमें कोरोना वायरस के बारे में भी बताया जाएगा।आपको बता दें कि शाहीनबाग में 14 दिसंबर, 2019 से से नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शनकारियों का एक धड़ा कालिंदी कुंज-नोएडा लिंक रोड को बाधित किए हुए है। यहां बड़ी संख्या में महिलाएं सड़क पर धरना दे रही हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने की थी मध्यस्थता

 कुछ समय पहले सुप्रीम कोर्ट में शाहीन बाग को लेकर एक पीआईएल दर्ज हुई थी। जिसके बाद कोर्ट ने मामले को सुलझाने की कोशिश की थी और मध्यस्थों की नियुक्ति की थी। मध्यस्थ कई बार शाहीनबाग गए और प्रदर्शनकारियों से कहा कि शीर्ष अदालत प्रदर्शन करने के उनके अधिकार को स्वीकार करती है लेकिन इससे अन्य नागरिकों के अधिकार प्रभावित नहीं होने चाहिए। लेकिन प्रदर्शनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट के मध्यस्थों की भी नहीं सुनी।

पुलिस हुई सतर्क

पिछले महीने उत्तर पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद में जिस तरह से नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सड़क पर धरना देने के बाद तनाव और फिर हिंसा भड़की थी उसके बाद पुलिस शाहीन बाग में सतर्क हो गई है। पुलिस ने इस इलाके में बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती कर दी है। दरअसल उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर पुलिस पर सवालिया निशान लगे थे और ऐसे में पुलिस अब किसी भी तरह की कोताही नहीं बरतना चाहती है इसलिए शाहीन बाग में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

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