नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन को पार्टी ने बिहार विधान परिषद के लिए होने वाले उपचुनाव में मैदान में उतरा है। आज अपना नामांकन दाखिल करने से पहले उन्होंने कहा कि वह राज्य में पार्टी के लिए काम करना चाहते हैं। दो बार भागलपुर लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद रह चुके हैं शाहनवाज हुसैन अटल सरकार के दौरान केंद्र में मंत्री भी रह चुके हैं। राजनीतिक हलकों में शाहनवाज हुसैन को विधान परिषद का उम्मीदवार घोषित करने को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं भी हो रही हैं।
तरह-तरह के कयास
कुछ लोग इसे उनके कद से जोड़कर देख रहे हैं और कह रहे हैं कि ये शाहनवाज हुसैन का कद छोटा करने की कोशिश भी है। लेकिन दूसरी तरफ कई लोग ऐसे भी हैं जिन्हें यह लगता है कि फाइनली शाहनवाज हुसैन का राजनीतिक वनवास खत्म हो गया है और अब नीतीश कैबिनेट में उन्हें बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने किसी मुस्लिम चेहरे को टिकट नहीं दिया था तो ऐसे में यह भी संभावना है कि बीजेपी उन्हें विधान परिषद का सदस्य बनाकर मुस्लिम चेहरे के रूप में तो पेश नहीं कर रही है।
दो सीटें हैं खाली
बिहार में विधान परिषद की दो सीटें हैं अब देखने वाली बात ये है कि बीजेपी शाहनवाज को किस सीट से अपना उम्मीदवार घोषित करती है। पहली सीट है विनोद नारायण झा की जो मधुबनी के बेनीपट्टी से विधायक बन चुके हैं और विधान परिषद के सदस्य के रूप में उनका कार्यकाल अब डेढ़ साल का बचा था ऐसे में इस सीट से अगर शाहनवाज खड़े होते हैं तो वो डेढ़ साल ही एमएलसी रह पाएंगे। दूसरी सीट है सुशील मोदी की जिन्हें पार्टी राज्यसभा भेज चुकी है। सुशील मोदी का कार्यकाल 2024 तक का है, यदि शाहनवाज इस सीट से नामांकन भरते हैं तो वो तीन साल तक एमएलसी बने रहेंगे।
जम्मू कश्मीर में निकाय चुनाव में किया था पार्टी ने उपयोग
बीजेपी ने जम्मू कश्मीर में हुए हालिया निकाय चुनाव के दौरान शाहनवाज हुसैन को बड़ी जिम्मेदारी दी थी और उन्हें घाटी में भेजा था। इस दौरान उनकी जनसभाओं में ठीक-ठाक भीड़ भी उमड़ी थी। चुनाव के नतीजे बीजेपी को खुश करने वाले थे और घाटी में पहली बार बीजेपी का खाता खुला। अब शाहनवाज को विधान परिषद भेजकर कहीं उन्हें इसी सफलता का इनाम तो नहीं दे रही है, इसकी भी चर्चा हो रही है।
जिलाध्यक्ष तक बनने को तैयार
इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने वाले हुसैन ने 1999 में 31 साल की उम्र में किशनगंज से लोकसभा में अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी। उन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया था। हुसैन ने पीटीआई से कहा, ‘शनिवार को केंद्रीय नेतृत्व का फोन आया था जिसपर हमने कहा कि अगर पार्टी भागलपुर का जिलाध्यक्ष भी बना देती तो उसे सहर्ष स्वीकार करता और कार्यकर्ता के तौर पर काम करता।’हुसैन ने कहा कि गत दिनों गृह मंत्री अमित शाह से बातचीत के दौरान भी उन्होंने कहा था कि अगर दस साल भी कोई काम नहीं देंगे तो भी वह पार्टी के लिये काम करते रहेंगे।
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