नई दिल्ली। कृषि कानून और किसान आंदोलन के संबंध में जब अमेरिकी पॉप स्टार रिहाना और स्वीडन की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग की तरफ से ट्वीट किया गया तो भारत में उसकी तीखी आलोचना हुई। खेल और संगीत जगत ने एक सुर में कहा कि विदेशी लोगों को इस मुद्दे पर बोलने का अधिकार नहीं हैं। उस विषय पर जब क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने ट्वीट कर कहा कि भारतीय ही भारतीयों के बारे में सोचने में सक्षम हैं तो उसे सियासी नजरिए से देखा जाने लगा। अब उनके ट्वीट पर एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने खास सलाह दी है।
सचिन को पवार की सलाह
शरद पवार का कहना है कि सचिन जब अपने क्षेत्र को छोड़कर किसी दूसरे विषय पर बोलते हैं तो सावधानी बरतनी चाहिए। पुणे में उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के बयान से जनता में नाराजगी है। दरअसल किसानों को बदनाम करने के लिए सत्ताधारी दल कभी किसानों को खालिस्तानी कहते हैं तो कभी कुछ कहते हैं।
केरल में सचिन के कटआउट पर पोती गई थी कालिख
कोच्चि में भारतीय युवा कांग्रेस के कार्यककर्ताओं ने महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के कटआउट पर कालिख पोत दी थी। किसान आंदोलन को लेकर अन्य देशों की लोकप्रिय हस्तियों ने समर्थन जाहिर किया तो तेंदुलकर ने उनके खिलाफ ट्वीट करके देश को एकजुट होने का संदेश दिया था। इसके बाद से तेंदुलकर को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा रहा है। युवा कांग्रेस सदस्यों ने सचिन तेंदुलकर के खिलाफ प्रदर्शन किया। विदेशी ताकतें दर्शक तो बन सकती हैं, लेकिन इसमें भाग नहीं ले सकतीं। भारतीय भारत को जानते हैं और उन्हें ही भारत के लिए फैसला लेना चाहिए। एक देश के रूप में एकजुट रहें।
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।