पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव ने दिल्ली में लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के साथ अपने लोकतांत्रिक जनता दल (LJD) का विलय कर दिया है। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी का राजद में विलय विपक्षी एकता की दिशा में पहला कदम है। यह जरूरी है कि बीजेपी को हराने के लिए पूरे भारत में पूरा विपक्ष एकजुट हो जाए। अभी एकीकरण हमारी प्राथमिकता है, उसके बाद ही हम सोचेंगे कि एकजुट विपक्ष का नेतृत्व कौन करेगा।
ये विलय शरद यादव के दिल्ली आवास पर राष्ट्रीय जनता दल के नेता और बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के मौजूदगी में हुआ। जनता दल यूनाइडेट से हटने के बाद शरद यादव ने लोकतांत्रिक जनता दल नाम से अपनी अलग पार्टी बनाई थी। तेजस्वी यादव ने कहा कि शरद यादव द्वारा लिया गया निर्णय (LJD का राजद में विलय) लोगों की मांग थी। इसने अन्य विपक्षी दलों को संदेश दिया है कि यह सही समय है, हमें 2019 में एकजुट होना चाहिए था लेकिन देर आए दुरुस्त आए।
इससे पहले 16 मार्च को शरद यागव ने ट्वीट किया था कि देश में मजबूत विपक्ष स्थापित करना समय की मांग है। मैं इस दिशा में न केवल बिखरी हुई तत्कालीन जनता दल बल्कि अन्य समान विचारधारा वाली पार्टियों को एकजुट करने के लिए लंबे समय से काम कर रहा हूं और इसीलिए अपनी पार्टी एलजेडी का राजद में विलय करने का फैसला किया।
1 मार्च को तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा था कि देश के वरिष्ठ समाजवादी नेता एवं हमारे अभिभावक आदरणीय शरद यादव जी से दिल्ली स्थित आवास पर शिष्टाचार भेंट कर उनके स्वास्थ्य संबंधित जानकारी प्राप्त की तथा देश-प्रदेश की वर्तमान सामाजिक राजनीतिक परिस्थितियों पर गहन विचार विमर्श किया।
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