"राष्ट्रपति" विवाद पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि यह कांग्रेस का अहंकार है। पार्टी प्रमुख (सोनिया गांधी) को नेता (अधीर रंजन) की ओर से माफी मांगनी चाहिए थी क्योंकि आखिरकार उन्हें ही नियुक्त किया गया था। उन्होंने इसे जानबूझकर किया और माफी मांगने के बजाय वे इसका राजनीतिकरण कर रहे हैं। लेकिन इस मामले में कांग्रेस सांसद शथि थरूर ने कहा कि संसद में प्रवेश करने से पहले अधीर ने कहा कि उन्होंने गलती की, यह जुबान फिसल गई और उनका कोई बुरा इरादा नहीं था। लेकिन उसे बोलने नहीं दिया गया। जब कोई प्रश्न घंटा से पहले समय मांगता है, तो अध्यक्ष उन्हें बैठने के लिए कहते हैं और उन्हें शून्य घंटे के दौरान समय मिलेगा
मामला कुछ यूं बढ़ा
थरूर ने कहा कि जब स्मृति ईरानी ने बोलना शुरू किया तो उन्हें किसी ने नहीं रोका। वह 10 मिनट तक बोली। उन्हें उस व्यक्ति को जवाब देने की अनुमति देनी चाहिए थी, जिसका नाम सामने आया था। जो हुआ उससे हम खुश नहीं हैं। अधीर ने दो बार जवाब देने की कोशिश की लेकिन उसका माइक चालू नहीं हुआ। हम क्या कह सकते हैं ?मुझे लगता है कि हमें मामले को जाने देना चाहिए।
चलिए, आगे बढ़ें
यह कोई मुद्दा नहीं है, इसमें भ्रष्टाचार या सरकार की लापरवाही से संबंधित कुछ भी नहीं है। एक आदमी, जिसकी हिंदी शायद मेरी जैसी है, उसने गलती की। उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया, चलो आगे बढ़ते हैं। देश में और भी गंभीर मुद्दे हैं। उन्होंने कहा कि हम सबको अब परिपक्व व्यवहार पेश करना चाहिए। जनता हमें उम्मीद भरी नजरों से देखती हैं। इस तरह के बहस से आम जन के मुद्दे प्रभावित होते हैं। अगर हम इस तरह के विषयों में उलझे रहेंगे तो सकारात्मक बहस नहीं हो पाएगी।
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