अमृतसर : पंजाब के तरन तारन में शुक्रवार को अज्ञात हमलावरों ने आतंकियों से लोहा लेने वाले शौर्य चक्र से सम्मानित बलविंदर सिंह की हत्या कर दी। उनके परिजनों ने इस त्रासदीपूर्ण घटना के लिए सरकार और खुफिया एजेंसियों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने आरोप लगाया कि सिंह के लिए बार-बार सुरक्षा की मांग की गई, लेकिन प्रशासन ने उन्हें सुरक्षा मुहैया नहीं कराई। बलविंदर सिंह की पत्नी जगदीश कौर और उनकी बेटी प्राणप्रीत कौर ने कहा कि अगर उन्हें सुरक्षा मिली होती तो यह सब नहीं हुआ होता।
जगदीश कौर ने कहा, 'हमारे परिवार पर हमलों को लेकर 42 एफआईआर दर्ज हैं और अनगिनत अन्य हमले हुए हैं जो रिकॉर्ड में नहीं हैं। सुरक्षा वापस लेने का फैसला गलत था। इसके लिए सरकार, प्रशासन और खुफिया एजेंसियां जिम्मेदार हैं। हमने फिर से सुरक्षा की मांग की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। सुरक्षा कवच को स्टेटस सिंबल मानने वालों को यह प्रदान किया गया। हमें वास्तव में इसकी आवश्यकता थी, लेकिन हमें यह प्रदान नहीं की गई।' उन्होंने यह भी कहा कि अगर राज्य सरकार परिवार को सुरक्षा मुहैया नहीं करा पा रही थी तो केंद्र को सुरक्षा देनी चाहिए थी।
वहीं, उनकी बेटी प्राणप्रीत कौर ने कहा, 'अगर हमारे पास सुरक्षा होती तो ऐसा नहीं होता, क्योंकि हत्यारों को जवाबी कार्रवाई की आशंका होती। हमने कई ईमेल, लिखित आवेदन भेजे और अधिकारियों से मुलाकात भी की, लेकिन हमें कोई सुरक्षा नहीं मिली।'
पंजाब में आतंकवाद से लड़ने वाले सिंह (62) की शुक्रवार को तरन तारन के भीखीविंड में अज्ञात मोटरसाइकिल हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। उस वक्त वह अपने घर के ही पास संचालित अपने स्कूल में थे। हमलावरों ने उन्हें चार गोलियां मारी और मौके से फरार हो गए। सरकार ने कोरोना संकट का हवाला देते हुए कुछ महीने पहले ही उन्हें दी गई सुरक्षा वापस ली थी।
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