नई दिल्ली: तीन तलाक के खिलाफ आवाज उठाने वाली और उसे कानूनी अपराध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली सायरा बानो को उत्तराखंड सरकार में राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया है। वो हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हुई थीं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के मीडिया समन्वयक दर्शन सिंह रावत ने बताया, 'बानो उन तीन महिलाओं में से हैं, जिन्हें मंगलवार को राज्यमंत्री का दर्जा दिए जाने के अलावा राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया।'
इस पद पर नियुक्त अन्य दो महिलाएं हैं- अल्मोड़ा जिले की रानीखेत की ज्योति शाह और चमोली जिले की पुष्पा पासवान। आयोग में तीनों पद लंबे समय से रिक्त थे। उन्होंने कहा कि नवरात्रि के दौरान यह राज्य की महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री का उपहार है।
बानो को उनके पति ने स्पीड पोस्ट के माध्यम से तीन तलाक दिया था, इसके चार महीने बाद 2014 में वो इस प्रथा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं। वह उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले की निवासी हैं। लंबी लड़ाई के बाद उन्हें बड़ी कामयाबी मिली और सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को गैरकानूनी घोषित किया।
10 अक्टूबर को सायरा बानो बीजेपी में शामिल हुई। बीजेपी उत्तराखंड ने ट्वीट किया, 'तीन तलाक के खिलाफ आवाज उठाने वाली बहादुर महिला सायरा बानो जी ने आज प्रदेश कार्यालय देहरादून में प्रदेश अध्यक्ष श्री बंशीधर भगत जी एवं प्रदेश महामंत्री संगठन श्री अजय कुमार जी की उपस्थिति में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।'
ये था सायरा का मामला
सायरा की शादी 2002 में इलाहाबाद के एक प्रॉपर्टी डीलर से हुई थी। सायरा का आरोप था कि शादी के बाद उन्हें हर दिन पीटा जाता था। पति ने टेलीग्राम के जरिए तलाकनामा भेजा। वो एक मुफ्ती के पास गईं तो उन्होंने कहा कि टेलीग्राम से भेजा गया तलाक जायज है। इसके बाद सायरा बानो ने सुप्रीम कोर्ट में इसको चुनौती दी।
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