जम्मू कश्मीर के बडगाम में सरकारी नौकरी करने वाले कश्मीरी पंडित राहुल भट की लश्कर ए तैयबा के आतंकवादियों ने गुरुवार को ऑफिस में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस घटना से कश्मीरी पंडितों जबरदस्त आक्रोश है। घाटी में जगह-जगह कश्मीरी पंडितों के प्रदर्शन किए। शनिवार को कश्मीरी पंडितों ने शहीद राहुल भट की स्मृति में 'शेखपोरा प्रवासी कॉलोनी' का नाम बदलकर 'शहीद राहुल भट पंडित कॉलोनी' कर दिया। दूसरी ओर राहुल भट की हत्या के विरोध में शनिवार को कांग्रेस और बीजेपी ने श्रीनगर में प्रदर्शन किया।
उधर कश्मीरी पंडितों के प्रदर्शन के बीच शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा राहुल भट के परिजनों से मिले और उन्हें इंसाफ दिलाने का भरोसा दिलाया। सिन्हा ने कहा कि आतंकवादियों और उनके समर्थकों को इस जघन्य कृत्य के लिए बहुत भारी कीमत चुकानी होगी। उन्होंने ट्वीट कहा था कि राहुल भट के परिजनों से मुलाकात की और परिवार को इंसाफ दिलाने का आश्वासन दिया। दुख की इस घड़ी में सरकार राहुल भट के परिवार के साथ खड़ी है। सिन्हा ने कहा था कि आतंकवादियों और उनके समर्थकों को इस बर्बर कृत्य के लिए बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
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सुरक्षाबलों ने 24 घंटों के भीतर राहुल भट की हत्या का बदला ले लिया। सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ के दौरान लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादियों को मार गिराया। पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि आतंवादियों की मौजूदगी की सूचना के बाद सुरक्षाबलों ने उत्तरी कश्मीर में बांदीपुरा के बरार में घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया। उन्होंने कहा कि छिपे हुए आतंकियों द्वारा सुरक्षाबलों पर गोलीबारी किए जाने के बाद तलाशी अभियान मुठभेड़ में बदल गया और जवानों ने जवाबी कार्रवाई की। अधिकारी ने बताया कि दोनों ओर से हुई गोलीबारी में दो आतंकवादी मारे गए।
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