सामना के जरिए बोली शिवसेना- कैलाश पर्वत पर चीन ने किया कब्जा, भक्त शिवजी को ताजमहल के नीचे ढूंढ़ रहे हैं

शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए केंद्र सरकार और बीजेपी पर हमला किया है। शिवसेना ने कहा है कि ज्ञानवापी का मुद्दा असर मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए उठाया जा रहा है।

Shiv Sena in Saamana, says China captured Mount Kailash, Bhakts are searching Shivji in Taj Mahal
फिर से बीजेपी पर हमलावर हुई शिव सेना 
मुख्य बातें
  • एक बार फिर बीजेपी पर हमलावर हुई शिव सेना
  • 'सामना' में लिखे लेख में बीजेपी की जमकर की गई है आलोचना
  • शिवसेना बोली- ज्ञानवापी का मुद्दा ध्यान भटकाने के लिए उठाया गया

मुंबई:   शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए एक बार फिर बीजेपी पर जमकर हमला किया है। सामना ने ज्ञानवापी मुद्दे का जिक्र करते हुए कहा कि राजनीतिक कारणों से बीजेपी इस मुद्दे को तूल दे रही है। '2024 का उत्खनन शुरू?' नाम से लिखे गए इस लेख में कहा गया है, 'ज्ञानवापी मस्जिद का मुद्दा भाजपा ने एजेंडे पर ले लिया है, ऐसा प्रतीत होता है। प्रकरण न्यायालय में चल ही रहा है। मंदिर या मस्जिद इसका उत्खनन कोर्ट के सर्वेयर द्वारा किए जाने के बाद मस्जिद परिसर में शिवलिंग मिलने की बात कही गई।'

बीजेपी पर वार

भाजपा पर तीखा हमला करते हुए लेख में कहा गया है, ' हर बार कोई नई राम कहानी अथवा कृष्ण कथा रची जाती है। इसका मूल रामायण-महाभारत से कोई संबंध नहीं होता है। लेकिन लोगों को उकसाते रहना है, ऐसा धंधा चल रहा है। ताजमहल की जमीन के नीचे क्या छिपा है, ये भी खोदकर निकालो, ऐसी मांग इन्हीं में से कुछ लोगों द्वारा करना ये भी मजेदार है। ताजमहल प्रकरण में कोर्ट ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाई। उसी समय दिल्ली की जामा मस्जिद पर भी भाजपा के साक्षी महाराज ने दावा ठोंक दिया है। दुनिया कहां जा रही है और हम क्या कर रहे हैं?'

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चीन और फ्रांस का जिक्र

लेख में आगे कहा गया है, 'कैलाश पर्वत समस्त हिंदुओं की आस्था का केंद्र है। कैलाश पर्वत पर भगवान शिवजी विराजमान हैं। उस कैलाश पर्वत पर चीन ने कब्जा जमा रखा है और भक्त लोग शिवजी को ताजमहल के नीचे ढूंढ़ रहे हैं। नई पीढ़ी के हाथ में वर्तमान शासक निश्चित तौर पर क्या रखनेवाले हैं? साढ़े 6 करोड़ जनसंख्या वाला देश फ्रांस  ‘राफेल’ बनाकर हमें बेच रहा है और 130 करोड़ लोगों का देश रोज मंदिर-मस्जिद और अवशेषों का उत्खनन कर रहा है।'

2024 के लिए उठाए जा रहे हैं मुद्दे

इस संपादकीय में आगे कहा गया है, अयोध्या में राम मंदिर बन रहा है। उसके लिए बाबरी का ढांचा गिराना पड़ा। इस कार्य के लिए हजारों कारसेवकों को बलिदान देना पड़ा। अब ऐसे ही कुछ नए मुद्दों को छेड़कर देशभर में दंगे कराए जाएंगे व उसी भावना पर २०२४ के चुनाव लड़े जाएंगे, ऐसा डर ममता बनर्जी ने व्यक्त किया है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अयोध्या प्रकरण में राम मंदिर के पक्ष में फैसला  सुनाए जाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने बेहद संयमित प्रतिक्रिया व्यक्त की थी।'

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श्रीलंका का उदाहरण

बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा गया, 'मंदिर-मस्जिद व औरंगजेब के अवशेषों पर विवाद हमारे देश में कभी भी खत्म नहीं होगा क्योंकि राजनीतिक रोटी उसी आग पर सेंकी जा रही है। परंतु इस आग की अपेक्षा पेट की आग महत्वपूर्ण है। उस आग का दावानल भड़कने पर क्या होता है, उसका ‘ज्वलंत’ उदाहरण पड़ोसी श्रीलंका में नजर आता है। महंगाई, भूख, आर्थिक अराजकता से निर्माण हुई समस्याओं पर धार्मिक मुद्दे विजय पा नहीं सके इसलिए मंदिर-मस्जिद का दावानल भड़काते समय सभी को संयम बरतना चाहिए, परंतु फिलहाल संयम की ‘ऐसी-तैसी’ हो रही है। देशभर में धर्म के नाम पर जो गड्ढे खोदे जा रहे हैं, उन गड्ढों में देश के पांव न फंसे इतनी ही अपेक्षा है!'

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