अयोध्या : श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने लोगों से 70 एकड़ में बनने वाले राम मंदिर से जुड़ी परियोजनाओं के लिए सुझाव मांगे हैं। ट्रस्ट का कहना है कि लोगों के ये सुझाव धार्मिक यात्रा, परंपरा, संस्कृति एवं विज्ञान से जुड़े होने चाहिए। ट्रस्ट का कहना है कि इन सुझावों को मंदिर निर्माण के मास्टरप्लान में शामिल किया जा सकता है। ट्रस्ट का कहना है कि परियोजना के बारे में व्यक्ति, विषयों के जानकार, ऑर्किटेक्स, डिजाइनर अपने सुझावों को 25 नवंबर तक उसके पास भेज सकते हैं। साथ ही इन सुझावों को पूर्ण या आंशिक रूप से स्वीकार या खारिज करने का विशेषाधिकार ट्रस्ट के पास होगा।
लार्सन एवं टुब्रो करेगी मंदिर का निर्माण
रिपोर्टों के मुताबिक ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि मंदिर निर्माण कार्य में टाटा कंसल्टिंग इंजीनियरिंग लिमिटेड की मदद ली जाएगी। यह प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसलटेंट के रूप में काम करेगा। साथ ही निर्माण कार्य में यह लार्सन एवं टुब्रो का सहयोग करेगा। ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरि ने बताया कि वेबसाइट एवं समाचार पत्रों में विज्ञापन के जरिए लोगों से सुझाव मांगे गए हैं।
राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक में फैसला
बता दें कि राम मंदिर निर्माण समिति की तीन दिनों तक चली बैठक के बाद चंपत राय ने मीडियाकर्मियों के साथ बातचीत में कहा, 'लार्सन एंड टुब्रो प्रमुख कंपनी है जो राम मंदिर का निर्माण कार्य करेगी।' बैठक में कई मुद्दों पर बातचीत करने के बाद इस बारे में फैसला लिया गया। बैठक में राम मंदिर की सुरक्षा एवं प्रस्तावित ढांचे के स्थायित्व पर भी चर्चा हुई।
गत पांच अगस्त को हुआ भूमिपूजन
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत पांच अगस्त को राम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या में पूजन किया। भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए देश भर की नदियों का जल, मंदिरों की पवित्र सामग्रियां एवं धार्मिक स्थलों की मिट्टी भूमि पूजन में शामिल की गई। कोरोना के प्रभाव को देखते इस भूमि पूजन समारोह के लिए ट्रस्ट ने कम अतिथियों को आमंत्रित किया था। सुप्रीम कोर्ट ने 8 नवंबर 2019 को अपने ऐतिहासिक फैसले में विवादित 2.77 एकड़ जमीन पर राम मंदिर निर्माण का फैसला दिया।
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