नई दिल्ली: कोविड-19 महामारी के मद्देनजर, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने विस्तृत विचार-विमर्श के बाद निर्णय लिया है कि श्री अमरनाथ जी यात्रा, वार्षिक तीर्थयात्रा केवल प्रतीकात्मक होगी, हालांकि सभी पारंपरिक धार्मिक अनुष्ठान पिछली प्रैक्टिस के मुताबिक पवित्र गुफा मंदिर में किए जाएंगे। उपराज्यपाल ने साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि लोगों की जान बचाना उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। वहीं श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन आरती और दर्शन के इंतजाम किए जाएंगे।
हिमालय के ऊंचाई वाले हिस्से में 3,880 मीटर ऊंचाई पर स्थित भगवान शिव के गुफा मंदिर के लिए 56-दिवसीय यात्रा 28 जून को पहलगाम और बालटाल मार्गों से शुरू होनी है और यह यात्रा 22 अगस्त को समाप्त होगी। पिछले साल यानी साल 2020 में महामारी के कारण तीर्थयात्रा रद्द कर दी गई थी।
गौर हो कि रविवार को जम्मू शहर के त्रिकुटा नगर और जीआरपी पुलिस स्टेशन के बाहर आतंकी संगठन तहरीक-उल-मुजाहिदीन का कथित धमकी भरा पोस्टर चस्पा मिला पोस्टर खंभे पर चिपकाए गए थे। इसमें अमरनाथ यात्रा पर न आने की लोगों को धमकी दी गई है पुलिस इसे हालांकि केवल अफवाह बता रही है फिर भी इस के बाद से सुरक्षा बढ़ा दी गई है और वाहनों की चेकिंग तेज कर दी गई।
श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के लिंक www.shriamarnathjishrine.com/AartiLive.html के माध्यम से भक्त पवित्र लिंगम के लिए अपना ऑनलाइन दान दे सकते हैं। इसे श्राइन बोर्ड के मोबाइल आधारित एप्लिकेशन के माध्यम से भी स्ट्रीम किया जा सकता है जिसे लिंक के माध्यम से डाउनलोड किया जा सकता है जो कि निम्न है-
http://play.google.com/store/apps/details?id=com.ncog.shriamarnath
बीते साल भी यात्रा को कोरोना से उपजे हालात को देखते हुए आम श्रद्धालुओं के लिए रद्द कर दिया था सिर्फ महंत दीपेंद्र गिरि के नेतृत्व में छड़ी मुबारक को ही श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा में वार्षिक अनुष्ठान संपन्न करने के लिए जाने की अनुमति दी गई थी।
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