Sidhu Moose Wala Murder Case: पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के लगभग 100 दिन बाद कथित रूप से केस में शामिल छठे और आखिरी शूटर दीपक मुंडी को धर दबोचा गया। इन कथित हत्यारों की कहानी कुछ-कुछ फिल्मों से मिलती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि एक कॉल की मदद से तीनों पुलिस के हत्थे चढ़ सके। मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि नेपाली पुलिस ने इसे और इसे दो गुर्गों को सबसे पहले धरा था, जो बंगाल-नेपाल बॉर्डर के पास झापा गांव पहुंचे थे। दरअसल, गांव वालों ने शुरुआत में इन्हें बच्चा चोर गैंग समझा था और परड़कर पिटाई करने के बाद स्थानीय पुलिस को सौंप दिया था। पूछताछ के दौरान तीनों ने नेपाली पुलिस को यह कह कर गुमराह किया वे भारत के कारोबारी हैं।
पुलिस ने इसके बाद उनके आईडी कार्ड चेक किए और फिर किसी जान-पहचान वाले को छुड़ाने के संबंध में कॉल करने के लिए कहा। हिरासत में राजिंदर उर्फ जोकर ने करीबी को फोन मिलाया और इस कॉल को दिल्ली पुलिस ने इंटरसेप्ट कर लिया था। स्पेशल सेल को इसके बाद पूरी बातचीत की जानकारी मिली। फौरन स्पेशल सेल की ओर से नेपाली पुलिस को फोन किया गया और बताया गया कि गिरफ्तार किए गए तीनों लोग असल में सिंगर मूसेवाला के मर्डर केस में फरार हैं। दिल्ली और पंजाब के अफसर इसके बाद नेपाल पहुंचे, जहां उन्होंने जरूरी कागजात सौंपे और तीनों को दिल्ली लाए।
पंजाब पुलिस ने केंद्रीय एजेंसियों और दिल्ली पुलिस के साथ ज्वॉइंट ऑपरेशन चलाते हुए शनिवार (10 सितंबर, 2022) को यह धरपकड़ की। टीम ने इस दौरान शार्पशूटर मुंडी और उसके दो अन्य साथियों को मूसेवाला की सनसनीखेज हत्या में कथित संलिप्तता के आरोप में पश्चिम बंगाल-नेपाल सीमा से अरेस्ट किया। डीजीपी गौरव यादव बोले- हत्या में शामिल छठे और अंतिम फरार शार्पशूटर मुंडी को उसके दो सहयोगियों कपिल पंडित और राजिंदर के साथ पंजाब पुलिस के एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) ने पश्चिम बंगाल में नेपाल सीमा के पास से पकड़ा था। मुंडी बोलेरो मॉड्यूल में शूटर था, जबकि कपिल पंडित और राजिंदर ने हथियार और ठिकाने सहित अन्य मदद दी थी।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इससे पहले शार्पशूटर प्रियव्रत फौजी, कशिश और अंकित सेरसा को दबोचा किया था, जबकि मनप्रीत मनु और जगरूप सिंह रूपा को पंजाब पुलिस ने मार गिराया था। मनु और रूपा, जो जग्गू भगवानपुरिया गिरोह के सदस्य माने जाते हैं, जिन्होंने मूसेवाला की हत्या के लिए लॉरेंस बिश्नोई को कथित तौर पर शार्पशूटर मुहैया कराए थे, 20 जुलाई को अमृतसर जिले में भारत-पाकिस्तान सीमा के पास एक मुठभेड़ में मारे गए थे। (एजेंसी इनपुट्स के साथ)
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