नई दिल्ली : सिंघु बार्डर पर हत्या का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। वकली शशांक शेखर झा ने शीर्ष अदालत में एक अर्जी लगाई है। इस अर्जी में उन्होंने हत्या मामले में जल्द सुनवाई करने और सिंघु बार्डर को किसानों से जल्द खाली कराने की मांग की है। यहां किसान संगठन तीन कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल से ज्यादा समय से धरने पर बैठे हैं। शुक्रवार सुबह संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के मंच के पास एक शव मिलने से हड़कंप मच गया। यहां युवक की बेरहमी से हत्या करने के बाद उसके शव को बैरिकेडिंग से लटका दिया गया था।
मारे गए युवक की पहचान तरन तारन के लखबीर सिंह (35) के रूप में हुई। एक निहंग समूह ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली है। समूह का कहना है कि धार्मिक ग्रंथ की 'बेअदबी' करने पर युवक की हत्या की गई। वकील झा ने अपनी अर्जी में दलील दी है कि दिल्ली-सिंघु बार्डर पर किसानों का आंदोलन 'अवैध' है। यहां अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर 'अवैध रूप से' प्रदर्शन हो रहा है। अर्जी में दावा किया गया है कि इस धरना स्थल पर कुछ समय पहले एक महिला से रेप हुआ और अब एक युवक की हत्या कर दी गई है। यही नहीं, अर्जी में गत 36 जनवरी को 'ट्रैक्टर रैली' के दौरान हुई दिल्ली में हिंसा का भी जिक्र किया गया है।
सिंघु बार्डर पर युवक की हत्या होने पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने किसान संगठनों की आलोचना की है। हालांकि, किसान संगठनों ने इस घटना से दूरी बना ली है। संयुक्त किसान मोर्चा ने शुक्रवार को जारी अपने बयान में कहा कि उसका मारे गए युवक और निहंग समूह से कोई लेना-देना नहीं है। मोर्चा ने इस हत्या मामले की निष्पक्ष जांच करने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। मोर्चा ने कहा कि वह किसी भी तरह की हिंसा का विरोध करता है। एसकेएम ने जांच में पुलिस का सहयोग करने की बात कही है।
हरियाणा पुलिस के प्रवक्ता ने चंडीगढ़ में बताया कि सोनीपत पुलिस के घटनास्थल पर पहुंचते ही व्यक्ति की मौत हो गई। प्रवक्ता ने बताया, ‘कुछ लोग वहां पर खड़े थे। जब पुलिस ने शव वहां से निकालने की कोशिश की गई तो उन्होंने प्रदर्शन किया। हालांकि थोड़ी कोशिश के बाद शव को सिविल अस्पताल लाया गया।’पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का एक मामला दर्ज किया गया है।
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