पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या के मामले में पुलिस की जांच में एक के बाद एक गिरफ्तारियां भी हो रही हैं और इन गिरफ्तारियों के बाद अलग-अलग खुलासे भी हो रहे हैं। पुलिस की ओर से अब खुलासा किया गया है कि सिद्धू मूसेवाला की हत्या के मामले में मुख्य शूटर को गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तार किए गए शूटर का नाम प्रियवर्त फौजी है और ये गिरफ्तारी गुजरात के मुंद्रा पोर्ट से की गई थी जहां शूटर प्रियवर्त किराए का कमरा लेकर छिपा हुआ था। अब तक जितने भी शूटर गिरफ्तार किए गए हैं उनसे पूछताछ जारी है और पुलिस हर एक एंगल को जोड़कर तफ्तीश कर रही है और खुलासे पर खुलासे भी हर रोज हो रहे हैं।
जिन शूटर्स को पुलिस ने गिरफ्तार किया है उनमें से प्रियवर्त को पुलिस ने मुख्य शूटर माना है। प्रियवर्त महज 26 साल का है और हरियाणा के सोनीपत का रहने वाला है और अब से पहले भी वो कई तरह की आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा है। साल 2015 में प्रियवर्त को एक हत्या के मामले में गिरफ्तार भी किया गया था लेकिन इसके बाद भी वो रुका नहीं और साल 2021 में फिर से एक हत्या की वारदात को अंजाम दिया था जिसके बाद पुलिस की ओर से इसकी तलाश जारी थी लेकिन हाथ नहीं लगा। वहीं दूसरा शूटर कुलदीप की उम्र 24 साल की है और वो हरियाणा के झज्जर का रहने वाला है। साल 2021 में कुलदीप ने हत्या की वारदात को अपने ही इलाके यानी झज्जर में अंजाम दिया था जिसके बाद से वो फरार था। वहीं तीसरे शूटर का नाम केशव है जो 29 साल का है और पंजाब के बठिंडा का रहने वाला है। इसका भी क्राइम रिकॉर्ड रहा है। साल 2020 में एक हत्या के केस में केशव का नाम आया था इसके अलावा कई जबरन वसूली के केस में भी केशव शामिल था। इन सभी अपराधियों ने पूरी तरह से अपनी तैयारी की थी और इसलिए भारी मात्रा में हथियार लेकर आए थे।
गिरफ्तारियों के साथ जो खुलासे हुए हैं वो तो चौकाने वाले हैं ही लेकिन इसके साथ ही पंजाब की पुलिस ने एक और खुलासा किया है। दावा किया जा रहा है कि सिद्धू मूसेवाला की हत्या मई के महीने में नहीं बल्कि पंजाब में हुए विधानसभा चुनाव के वक्त ही करने की प्लानिंग थी। दरअसल पंजाब की पुलिस ने गैंगस्टर मोहना और गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की और इसी में खुलासा हुआ है कि प्लानिंग पूरी की गई थी कि पंजाब विधानसभा चुनाव के वक्त ही सिद्धू मूसेवाला की हत्या की जाएगी लेकिन किसी वजह से ये प्लान फेल हो गया। दरअसल जो दावे किए जा रहे हैं उसके मुताबिक चुनाव के दौरान ही 4 अपराधी मानसा के रल्ला गांव में पहुंचे थे और अलग-अलग दिन सिद्धू मूसेवाला की रेकी करने के लिए भी निकले थे। इस दौरान सभी अपराधी गैंगस्टर मोहना के घर पर ही रुके थे।
शायद प्लान कामयाब भी हो जाता लेकिन उस वक्त सिद्धू मूसेवाला को काफी ज्यादा सिक्योरिटी मिली थी। हर वक्त मूसेवाला के आसपास हथियारों से तैनात बॉडीगार्ड्स घूमते थे और वो भी आधुनिक हथियारों से लैस होकर। इसी वजह से सिद्धू मूसेवाला के कत्ल की प्लानिंग को उस वक्त रोक दिया गया था और मौका मिलते ही मई के महीने में हमला करके जान ले ली। फिलहाल पंजाब पुलिस की ओर से इस एंगल से भी जांच की जा रही है कि क्या कहीं सिद्धू मूसेवाला की हत्या के पीछे कोई राजनीतिक द्वेष तो नहीं है। क्या सिद्धू मूसेवाला का कत्ल किसी राजनीतिक फायदे के लिए तो नहीं कराया गया है क्योंकि कुछ वक्त पहले ही मूसेवाला ने राजनीति में एंट्री ली थी और मूसेवाला की इलाके में अच्छी खासी पकड़ भी रही है।
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