नई दिल्ली। कोरोना के मामले अब दो हजार के आंकड़े के करीब पहुंच रहे हैं। 22 मार्च को पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना के चेन को तोड़ने के लिए एकमात्र उपाय सोशल डिस्टेंसिंग है और इसके लिए हम सबको 21 दिन तक घरों में कैद रहना होगा। 24 मार्च को जब लॉकडाउन में देश गया तो अगले दो से तीन दिन कर कोरोना के मामलों में उतनी तेजी से इजाफा नहीं हुआ। लेकिन अब जो आंकड़े आ रहे हैं वो डराने वाले हैं।
ऐसे कैसे करेंगे कोरोना से सामना
इसके साथ ही देश के अलग अलग हिस्सों से सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती हुई नजर आ रही है। यह तस्वीर दिल्ली और एशिया की सबसे बड़ी सब्जी मंडी की जहां सोशल डिस्टेंसिंग का नजारा यह है। आप इस विजुअल्स को देखकर कल्पना नहीं कर सकते हैं कि हम खतरे के ढेर पर है, अगर कोई एक शख्स भी कोरोना से संक्रमित पाया गया तो नुकसान का अंदाजा लगा पाना भी मुश्किल होगा।
आजादपुर सब्जी मंडी को विलिवक्कम से सीखने की जरूरत
दिल्ली की आजादपुर सब्जी मंडी का हाल आप देख रहे है लेकिन तमिलनाडु में विलिवक्कम सब्जी बाजार में सोशल डिस्टेंसिंग पर अमल किया जा रहा है। यहां पर एक मीटर के फासले पर गोले बनाए गए हैं ताकि ग्राहक एक दूसरे से सुरक्षित रह सकें।
क्या नियमों के पालन कराने की जिम्मेदारी सिर्फ सरकार की है
दिल्ली सरकार की तरफ से स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि किसी को एक जगह पर इकट्ठा नहीं होने दी जाएगी। लेकिन सब्जियां, आवश्यक सेवाओं के दायरे में आती हैं, लिहाजा आजादपुर सब्जी मंडी में काम करने वाले लोग इसका फायदा उठा रहे हैं। सरकार की तरफ से कहा कि जब कोई भी शख्स आवाश्यक सेवाओं को मुहैया करा रहा हो तो उसे भी सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना ही होगा। लेकिव सब्जी मंडी की तस्वीर सच को बयां कर रही है। सवाल यह है कि इस तरह के आपदा में क्या नियमों के पालन कराने की जिम्मेदारी सिर्फ सरकार की है या आम लोगों को भी अपने कर्तव्यों को समझना होगा।
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