लोकसभा में कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी ने सोशल मीडिया के दुरुपयोग पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि फेसबुक और ट्विटर जैसी कंपनियों का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। राजनीतिक एजेंडे के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। फेसबुक के जरिए सामाजिक सौहार्द खत्म करने का प्रयासलोकतंत्र को कमजोर करने की साजिश रची जा रही है। सत्ता की मिली भगत से सामाजिक सौहार्द खराब किया जा रहा है। इस तरह की प्रवृत्ति पर लगाम लगाने की जरूरत है।
सोशल मीडिया के जरिए सामाजिक वैमनस्य बढ़ा
सोनिया गांधी ने कहा कि हमारे लोकतंत्र को हैक करने के लिए सोशल मीडिया का दुरुपयोग होने का बढ़ता खतरा। एफबी और ट्विटर जैसी वैश्विक कंपनियां नेताओं, पार्टियों और उनके प्रतिनिधियों द्वारा राजनीतिक आख्यानों को आकार देने के लिए तेजी से उपयोग की जा रही हैं।भावनात्मक रूप से चार्ज किए गए डिसइन्फो के माध्यम से युवा और बूढ़े दिमाग नफरत से भर रहे हैं, और FB जैसी प्रॉक्सी विज्ञापन कंपनियां इससे अवगत हैं और इससे मुनाफा कमा रही हैं। रिपोर्ट में FB जैसे बड़े निगमों, सत्तारूढ़ प्रतिष्ठानों और वैश्विक सोशल मीडिया दिग्गजों के बीच बढ़ते हुए गठजोड़ को दिखाया गया है।
सोशल मीडिया के दिग्गजों के हस्तक्षेप पर सरकार रोक लगाए
मैं सरकार से दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की चुनावी राजनीति में एफबी और अन्य सोशल मीडिया दिग्गजों के व्यवस्थित प्रभाव और हस्तक्षेप को समाप्त करने का आग्रह करती हूं। यह पार्टियों और राजनीति से परे है। सत्ता में कोई भी हो, हमें अपने लोकतंत्र और सामाजिक सद्भाव की रक्षा करने की आवश्यकता है।
सोनिया गांधी ने लोकसभा में कहा कि जिस तरह से सोशल मीडिया और सत्ता पक्ष से जुड़े लोगों की सहभागिता नजर आ रही है वो लोकतांत्रिक मुल्यों के लिए सही नहीं है। आज देश में नफरत का माहौल बना हुआ है। ऐसे में हम सभी राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी बनती है कि छोटे मोटे लाभ के लिए हम कहीं कोई बड़ा नुकसान तो नहीं करने जा रहे हैं। देश को नफरत के माहौल से निकालने की जिम्मेदारी हर किसी की है लेकिन सत्ता पक्ष पर वो जिम्मेदारी कुछ अधिक है।
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