जिस बेटे को सिलाई का काम करके पाला, उसने वित्तीय स्थिति खराब होने पर मां को भेजा वृद्धाश्रम

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Updated Jun 20, 2021 | 13:14 IST

कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन के कारण ना जाने कितने लोगों की नौकरी गई है। एक शख्स ने तो नौकरी जाने पर मां को ही घर से बाहर निकाल दिया।

Son sent mother to old age home when her financial condition deteriorated due to lockdown
बेटे ने वित्तीय हालत खराब होने पर मां को भेजा वृद्धाश्रम 
मुख्य बातें
  • महाराष्ट्र के औरंगाबाद का है मामला, बेटे की आर्थिक हालत हुई दयनीय
  • बेटे ने मां को वृद्धाश्रम भेजा, कहा- खराब वित्तीय स्थिति के कारण मां को साथ नहीं रख सकता
  • मां बोलीं- बेटे की आर्थिक हालत ठीक नहीं, ईश्वर से अपने बेटे को खुश रखने की दुआ करती हूं

औरंगाबाद:महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में एक बुजुर्ग महिला को वृद्धाश्रम में रहने के लिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि उसके बेटे ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लागू हुए लॉकडाउन के कारण वित्तीय दिक्कतों के चलते उसकी देखभाल करने से इनकार कर दिया। करीब 60 वर्ष की आयु की किरण परदीकर ने कई साल पहले अपने पति को खो दिया था और उन्होंने सिलाई करके अपने बेटे को पाला।

लॉकडाउन के कारण बेटे की कमाई हुई बंद

पुंडलिकनगर पुलिस थाने के सहायक पुलिस निरीक्षक घनश्याम सोनवाने ने ‘पीटीआई’ को बताया कि महिला के बेटे ने बाद में आजीविका कमाने के लिए एक अदालत के पास किताबों का स्टॉल लगा लिया था लेकिन लॉकडाउन के कारण पिछले साल उसका काम बंद हो गया। बहू से मतभेद होने के कारण परदीकर ने कुछ समय से अलग रहना शुरू कर दिया था। उसके बेटे ने उसके लिए किराये पर एक कमरा लिया था तथा उसके लिए खाने के टिफिन की व्यवस्था की थी।

बेटे ने कहा नहीं रख सकता

सोनवाने ने कहा, ‘महिला हाल में किसी वृद्धाश्रम में भेजने के लिए मदद मांगने के वास्ते हमारे पास आयी क्योंकि उसे अपने बेटे की वित्तीय स्थिति खराब होने के बारे में पता चल गया था। हम उनके लिए नए कपड़े लेकर आए और यहां ‘मातोश्री वृद्धाश्रम’ को उन्हें रखने के लिए एक पत्र दिया।’ वृद्धाश्रम के प्रबंधक सागर पगोरे से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि परदीकर पुलिस के पत्र के साथ 11 जून को उनके पास आयी। उन्होंने कहा, ‘वह हमारे साथ हैं। उनके बेटे ने भी एक पत्र दिया जिसमें कहा कि वह खराब वित्तीय स्थिति के कारण अपनी मां को साथ नहीं रख सकता और उसने उन्हें वृद्धाश्रम में रखने का अनुरोध किया।’

परदीकर ने शनिवार को यहां पत्रकारों से कहा कि उनके बेटे की वित्तीय स्थिति अच्छी नहीं है। उन्होंने कहा, ‘वह (परदीकर का बेटा) इस दुविधा में है कि अपनी पत्नी और बच्चों की देखभाल करें या मेरी मदद करें। उसे कुछ महीने पहले एक निजी नौकरी मिली थी लेकिन वहां उसने ज्यादा कमाया नहीं। जब मेरा बेटा मेरी मदद नहीं कर पाया तो मेरे कमरे के मालिक ने अनाज देकर मेरी मदद की।’ महिला ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने कई लोगों की जिंदगियों पर बहुत बुरा असर डाला है। उन्होंने कहा, ‘लोग नौकरियां गंवा रहे हैं और सरकार कुछ भी नहीं कर रही। मैं ईश्वर से अपने बेटे को खुश रखने की दुआ करती हूं।’

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