नई दिल्ली। 14 सितंबर को मानसून सत्र से पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी विदेश के लिए रवाना हो चुके हैं। बताया जा रहा है कि वो मेडिकल चेकअप के लिए अमेरिका गई हैं। सोनिया गांधी इलाज के सिलिसिले में करीब दो हफ्ते विदेश में रह सकती हैं। इसका अर्थ यह है कि वो मॉनसून सत्र में हिस्सा नहीं ले पाएंगी। बताया जा रहा है कि मेडिकल चेकअप पहले से निर्धारित था जबकि मानसून सत्र का ऐलान बाद में किया गया था। कोविड-19 महामारी की वजह से उनका विदेश दौरे का कार्यक्रम टलता रहा।
सितंबर के आखिर में स्वदेश आ सकती हैं सोनिया गांधी
सितंबर के अंतिम सप्ताह में वह स्वदेश लौट सकती हैं। विदेश रवाना होने से पहले सोनिया गांधी ने संगठन के स्तर पर बड़े बदलाव किए हैं। उस बड़े बदलाव में कुछ बड़े फैसले भी किए गए। सबसे बड़ी बात यह है कि गुलाम नबी आजाद को कांग्रेस महासचिव की लिस्ट से बाहर कर दिया गया जबकि रणदीप सुरजेवाला को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है उन्हें न केवल कांग्रेस महासचिव बनाया गया बल्कि कर्नाटक का प्रभारी भी बनाया गया है।
मानसून सत्र से पहले हुई थी खास बैठक
मानसून सत्र से पहले कांग्रेस की एक खास कमेटी की बैठक हुई थी जिसे सत्र को देखते हुए बनाया गया था। उस समिति की बैठक में कई प्रस्तावों पर चर्चा हुई कि मोदी सरकार को किन मुद्दों पर घेरा जा सकता है। उस समिति ने भारत चीन तनाव, कोरोना महामारी, जीडीपी के साथ कई मुद्दों को रखा गया था। हालांकि औपचारिक फैसला लेने का अधिकार सोनिया गांधी पर छोड़ दिया गया था। राहुल गांधी लगातार मोदी सरकार पर निशाना साधते रहे हैं। वो हर एक दिन नए नए मुद्दों पर सरकार से सवाल करते हैं कि आखिर यह सरकार किसी मुद्दे पर सही तरह से तथ्यों को नहीं पेश करती है।
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