नई दिल्ली: कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कांग्रेस शासित प्रदेशों की सरकारों से कहा है कि वे केंद्र सरकार के ‘कृषि विरोधी’ विधानों को निष्प्रभावी करने के लिए अपने यहां कानून पारित करने की संभावना पर विचार करें। इसे लेकर पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एक बयान जारी किया है जिसके मुताबिक, सोनिया ने कांग्रेस शासित प्रदेशों को सलाह दी है कि वे संविधान के अनुच्छेद 254 (ए) के तहत कानून पारित करने के संदर्भ में गौर करें।
कोविंद ने रविवार को किए हस्ताक्षर
वेणुगोपाल ने कहा कि यह अनुच्छेद इन ‘कृषि विरोधी एवं राज्यों के अधिकार क्षेत्र में दखल देने वाले’ केंद्रीय कानूनों को निष्प्रभावी करने के लिए राज्य विधानसभाओं को कानून पारित करने का अधिकार देता है। दरअसल विपक्षी और कुछ किसान संगठनों की अपील के बावजूद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को मंजूरी दी।
संसद में पारित ये तीनों विधेयक अब कानून का रूप ले चुके हैं। केरल से कांग्रेस सांसद टीएन प्रतापन ने सुप्रीम कोर्ट में कृषि अधिनियम को चुनौती दी है। आपको बता दें कि फिलहाल राजस्थान, पंजाब, छत्तीसगढ़ और पुदुचेरी में कांग्रेस की सरकारें हैं जबकि झारखंड और महाराष्ट्र में वह गठबंधन सरकार का हिस्सा है।
लगातार हो रहे हैं विरोध प्रदर्शन
आपको बता दें कि इन कानूनों के खिलाफ लगातार देश के कुछ हिस्सों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।आज ही युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा कृषि कानूनों के विरोध में इंडिया गेट के पास एक ट्रैक्टर को आग के हवाले कर दिया। बीजेपी ने इसे लेकर कांग्रेस पर हमला भी बोला है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा, कांग्रेस बेनकाब हो गई है और किसानों को गुमराह कर रही है। वे किसानों के नाम पर नाटक और राजनीति कर रही है। उन्होंने 'घोषणापत्र में कुछ कहने और सिर्फ इसके विपरीत करने के लिए' कांग्रेस की खिंचाई की।
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