नयी दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 'नेशनल हेराल्ड' से जुड़े कथित धनशोधन के मामले में पेश होने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से और समय मांगा है, क्योंकि वह कोरोना वायरस से संक्रमित हैं और अब तक स्वस्थ नहीं हुई हैं। सूत्रों ने बताया कि सोनिया गांधी गत बृहस्पतिवार को कोरोना वायरस से संक्रमित हुई थीं और उनकी ताजा जांच रिपोर्ट निगेटिव नहीं आई है।ईडी ने 75 वर्षीय सोनिया गांधी को आठ जून को तलब किया है।
कथित धनशोधन के इसी मामले में ईडी की ओर से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को 13 जून को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। ईडी ने इससे पहले राहुल गांधी को दो जून को पेश होने को कहा था, लेकिन उन्होंने पेश होने के लिए कोई दूसरी तारीख देने का अनुरोध करते हुए कहा था कि वह देश से बाहर हैं, राहुल गांधी पिछले वीकेंड स्वेदश लौटे।
यह मामला पार्टी समर्थित 'यंग इंडियन' में कथित वित्तीय अनियमितता की जांच से जुड़ा है। 'नेशनल हेराल्ड' एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) द्वारा प्रकाशित किया जाता है और उसका स्वामित्व यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के पास है।
ईडी के अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) की आपराधिक धाराओं के तहत सोनिया गांधी और राहुल गांधी के बयान दर्ज करना चाहती है। कांग्रेस ने प्रतिशोध की कार्रवाई का आरोप लगाया है। उसका कहना है कि देश को गुमराह करने के लिए यह 'कायरतापूर्ण साजिश' रची गई है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने पिछले दिनों कहा था कि कांग्रेस और उसका नेतृत्व इससे डरने और झुकने वाला नहीं हैं।
साल 2012 में सुब्रमण्यम स्वामी ने निचली अदालत में एल शिकायत दी जिसमें आरोप लगाया गया कि यंग इंडियन लिमिटेड द्वारा एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL)के अधिग्रहण में कुछ कांग्रेस नेता धोखाधड़ी में शामिल थे। उन्होंने आरोप लगाया कि YIL ने नेशनल हेराल्ड की संपत्ति को 'दुर्भावनापूर्ण' तरीके से 'कब्जा' कर लिया था। जिसके बाद से गाँधी परिवार कानूनी सवाल -जवाब में इतना फंसी की अबतक उससे निकलने में नाकाम है। नेशनल हेराल्ड एक बार फिर सुर्खियों में इसलिए आ गया है क्योंकि इस बार ईडी ने कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी राहुल गांधी को समन जारी किया है जिसके मुताबिक उन्हें ईडी के समक्ष पेश होना होगा।
1938 में कुछ स्वतंत्रता सेनानियों के साथ मिलकर जवाहरलाल नेहरू ने नेशनल हेराल्ड की स्थापना की थी, कांग्रेस का कहना है कि आजादी से पहले किस समाचार पत्र के जरिए अंग्रेजो के खिलाफ आजादी की लड़ाई को आवाज दिया गया। लेकिन 2008 में 90 करोड़ से अधिक कर्ज के चलते इसे बंद करना पड़ा, लेकिन 2010 में एक बार फिर इस अखबार को शुरू करने का फैसला लिया गया। लेकिन यह फैसला इतना आसान नहीं था क्योंकि AJL पर 90 करोड़ का कर्ज था, जिसको चुकाने के लिए यंग इंडिया स्थापना 2010 में की गई। सोनिया गांधी और राहुल गाँधी 76 फीसदी शेयर होल्डर थे, 24 फीसदी कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस के पास था।
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