दिल्ली में आज कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक चल रही है। इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि हम 13, 14 और 15 मई को उदयपुर में 400 सहयोगियों की भागीदारी के साथ बैठक कर रहे हैं। इनमें से ज्यादातर संगठन में किसी ने किसी पद पर हैं या फिर संगठन अथवा सरकार में पदों पर रह चुके हैं। हमनें प्रयास किया है कि इस शिविर में संतुलित प्रतिनिधित्व हो, हर पहलू से संतुलन हो। हमने संतुलित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किया है।
15 मई को वहां सीडब्ल्यूसी की मंजूरी के बाद हम उदयपुर नव संकल्प अपनाएंगे। चिंतन शिविर एक अनुष्ठान नहीं बनना चाहिए जिससे गुजरना पड़ता है। मैं दृढ़ संकल्पित हूं कि इसे वैचारिक, चुनावी, प्रबंधकीय चुनौतियों का सामना करने के लिए एक पुनर्गठित संगठन की शुरुआत करनी चाहिए। मैं यह सुनिश्चित करने के लिए आपके पूर्ण सहयोग का अनुरोध करती हूं कि हमारी पार्टी के त्वरित पुनरुद्धार के लिए एकता, एकजुटता, दृढ़ संकल्प और प्रतिबद्धता का एकमात्र संदेश उदयपुर से जोर से और स्पष्ट रूप से सामने आए।
कोई जादू की छड़ी नहीं हैं। यह केवल निस्वार्थ कार्य, अनुशासन और निरंतर सामूहिक उद्देश्य की भावना है जो हमें अपने तप और लचीलापन का प्रदर्शन करने में सक्षम बनाएगी। पार्टी हम सभी के लिए अच्छी रही है। अब उस कर्ज को पूरी तरह से चुकाने का समय आ गया है। हमारे पार्टी मंचों में निश्चित रूप से आत्म-आलोचना की आवश्यकता है। लेकिन ऐसा इस तरह से नहीं किया जाना चाहिए कि आत्मविश्वास और मनोबल का क्षरण हो और निराशा और कयामत का माहौल सर्वत्र व्याप्त हो जाए।
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