नई दिल्ली : इरादे चट्टान की तरह अगर मजबूत हों तो शारीरिक कमजोरी लक्ष्य को पाने से नहीं रोक सकती। 76वें स्वतंत्रता दिवस के खास मौके पर पंजाब के दिव्यांग अबलू राजेश कुमार ने कीर्तिमान रचा है। उन्होंने हाथ में तिरंगा लेकर साइकिल से एक किलोमीटर की दूरी तय की और कीर्तिमान कायम किया। उनका यह कारनामा इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ है। सोशल मीडिया के लिए कंटेंट बनाने वाले एवं कोरियग्राफर राजेश एक रेल दुर्घटना में अपने दोनों पैर गंवा चुके हैं। उन्हें प्रोस्थेटिक पैर लगा है। पंजाब के अमृतसर के रहने वाले 25 साल के इस युवा ने 'आजादी के अमृत महोत्सव' के मौके पर यह कामयाबी हासिल की जिस पर सभी को गर्व हो रहा है।
ट्रेन दुर्घटना में दोनों पैर गंवाने पड़े
राजेश का कहना है कि 'एक हादसे की वजह से वह अपने सपनों का त्याग नहीं कर सकते।' राजेश ने प्रोस्थेटिक पैरों से साइकिल चलाने का यह कारनामा मोज एप पर लाइव किया। प्रोस्थेटिक पैरों के साथ साइकिल चलाते हुए राष्ट्रीय ध्वज को लेकर उन्होंने अब तक की सबसे ज्यादा दूरी तय की है। अपने इस सपने को पूरा करने एवं देश को गौरवान्वित करने के लिए उन्होंने बीते छह महीने से कड़ी मेहनत की। अमृतसर में पले-बढ़े राजेश डांस को लेकर हमेशा से रोमांचित थे लेकिन 14 साल की उम्र में एक ट्रेन दुर्घटना में उन्हें अपने दोनों पैर गंवाने पड़े।
डांस के सपने को पूरा करने की उम्मीद नहीं छोड़ी
इस हादसे के बावजूद उन्होंने अपने डांस के सपने को पूरा करने की उम्मीद नहीं छोड़ी। उन्होंने साबित किया कि उनके सपने उनकी दिव्यांगता से भी बड़े हैं। प्रोस्थेटिक पैर लगने के बाद उन्होंने अपने शरीर को इसके लिए तैयार किया और डांस करने की काबिलियत हासिल की। लगातार कड़ी मेहनत के बल पर राजेश अमृतसर के नामचीन कोरियोग्राफर बनकर उभरे। वह अपने डांस के वीडियो मोज एप पर अपलोड करते हैं। आज वह एक मशहूर कोरियोग्राफर हैं। राजेश आज अपने जैसे लोगों के लिए प्रेरणा के एक बड़े स्रोत बन गए हैं।
अबलू सही मायनों में चैंपियन है-शशांक शेखर
अबलू की इस कामयाबी पर शेयरचैट एंड मोज के कंटेंट स्ट्रेटजी एंड ऑपरेशंस के सीनियर डायरेक्टर शशांक शेखर ने कहा कि 'अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति एवं हौसले से अबलू ने अपनी कमजोरी पर विजय पाई। यह वाक्ई में प्रेरणा देने वाला है। जीवन के शुरुआती समय में ही कठिन परिस्थितियों का सामना करने के बावजूद उन्होंने यह साबित किया कि वह सही मायनों में चैंपियन हैं। यह कामयाबी हासिल करने के लिए मैं उन्हें बधाई देता हूं। इस रिकॉर्ड एवं देश भर के युवाओं के साथ जुड़ने के लिए उन्होंने मोज एप का चुनाव किया, इसके लिए हम उनके आभारी हैं।'
रिकॉर्ड प्रदान कर हमें खुशी हो रही है-निकिता शर्मा
अपनी इस कामयाबी पर अबलू ने कहा, 'शुरुआत में प्रोस्थेटिक पैरों के साथ चलना भी एक मुश्किल काम था। साइकिल चलाना एवं डांस करना तो दूर की बात थी। हालांकि, आज मैं डांस कर सकता हूं, दौड़ सकता हूं यहां तक कि साइकिल चला सकता हूं।' इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की निकिता शर्मा ने कहा, 'अबलू जैसे युवा को चुनौतियों पर विजय पाते एवं नई ऊंचाई पर पहुंचते देखना अत्यंत प्रेरणा देने वाला है। प्रोस्थेटिक पैर और तिरंगे के साथ साइकिल से सबसे लंबी दूरी तय करने के लिए अबलू को हम यह अनूठा रिकॉर्ड प्रदान कर हर्ष की अनुभूति कर रहे हैं।'
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