देश में 'मूर्ति' राजनीति चरम पर, वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की होड़, जानें कहां बन रही हैं ये मूर्तियां

देश
प्रशांत श्रीवास्तव
Updated Feb 09, 2022 | 16:19 IST

Statue Politics in India: देश में मूर्तियों के जरिए राजनीतिक संदेश देने का प्रचलन बढ़ता जा रहा है। होड़ ऐसी मची हुई है कि हर नई मूर्ति नया रिकॉर्ड बना रही है।

Statue Politics In India
भारत में मूर्ति राजनीति चरम पर 
मुख्य बातें
  • उत्तर प्रदेश के चुनावों में भी मूर्ति राजनीति का बोलबाला है।
  • इस समय जम्मू-कश्मीर से लेकर हैदराबाद और गुजरात से लेकर बिहार तक मूर्तियों का निर्माण कराया जा रहा है।
  • फ्रांस में 1870 से 1940 के दौरान भी इस तरह मूर्तियों के निर्माण का प्रचलन था और 200 से ज्यादा मूर्तियां बनाई गईं।

नई दिल्ली: राजनीति में संकेतों का बेहद महत्व होता है। और भारतीय राजनीति में ये संकेत अब विशाल मूर्ति के रूप में दिखने लगे हैं। भारतीय राजनीति का यह नया चेहरा है, जिसमें भगवान, महापुरूष, राजनेताओं, विशेष जाति के नायकों की मूर्ती बनाने की होड़ है। यह होड़ भी कोई छोटी-मोटी नहीं है। इसमें एक-दूसरे से सबसे ऊंची और लंबी बनने की होड़ यानी जितनी ऊंची, जितनी लंबी उतना ही वोट बैंक पर असर। 

भारतीय राजनीति में यह कुछ उसी तरह का दौर है। जैसा कि आज से करीब 120 पहले फ्रांस में हुआ था। उस वक्त 1870-1940 के दौरान 200 से ज्यादा मूर्तियां बनाई गईं। इसीलिए वहां पर statuemania (स्टैच्यूमेनिया) शब्द भी लोगों के जबान पर पर चढ़ गया। हालांकि बाद में वह इस दौर से निकल गए। 

भारतीय राजनीति में मूर्तियों को लेकर सबसे ज्यादा आलोचनाएं बसपा प्रमुख मायावती को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान झेलनी पड़ी थी। उस दौर में उन्होंने न केवल कई दलित नायकों की मूर्ति बनवाई, बल्कि खुद की भी मूर्तियां बनवाई थीं। हालांकि अब 2022 में उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान कहा है कि वह अब मूर्तियां नहीं बनवाएंगी। लेकिन दूसरे राजनितक दलों में फिलहाल इसकी होड़ मची हुई है।

भारत के हर कोने में बन रही हैं मूर्तियां

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी

sardar vallabh bhai patel

यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है। जिसकी ऊंचाई 182 मीटर (597 फुट) है। सरदार पटेल की यह मूर्ति गुजरात के केवड़िया में बनाई गई है। इसके निर्माण का ऐलान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। और मूर्ति का अनावरण 2018 में किया गया। इसके करीब 2900 करोड़ रूपये खर्च हुए थे।

छत्रपति शिवाजी महाराज

 मुंबई के पास अरब सागर में करीब 3500 करोड़ रुपये की लागत से छत्रपति शिवाजी महाराज का स्मारक बनाया जा रहा है। शिवाजी की 690 ऊंची प्रतिमा होगी। इसका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में जलपूजन किया था। इसके बनने  के बाद यह दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति होगी। फिलहाल इसके निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक लग गई है।

डॉ भीमराव अंबेडकर मूर्ति

मुंबई में ही दादर में डॉ  भीम राव अंबेडकर की मूर्ति बनाई जा रही है। जिसकी कुल ऊंचाई 450 फुट होगी। पहले यह मूर्ति 350 फीट की ऊंचाई तक बन रही थी। लेकिन बाद में साल 2020 महाराष्ट्र सरकार ने इसकी ऊंचाई में 100 फुट की बढ़ोतरी करने का फैसला किया। जिसे स्टैच्यू ऑफ इक्वलिटी का नाम दिया गया। यह मूर्ति दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची मूर्ति होगी।

इन संतों की भी बन रही है मूर्ति

आदि गुरू शंकराचार्य

मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर में राज्य सरकार करीब 2000 करोड़ रुपये की लागत से, आदि गुरू शंकराचार्य की 108 फुट ऊंची मूर्ति सहित (स्टैट्यू ऑफ वननेस), म्यूजिम, अंतरराष्ट्रीय वेदांत संस्थान की स्थापना करने जा रही है। पूरी परियोजना के लिए डीपीआर तैयार हो गया है और उसे 2023 में तैयार कर लिया जाएगा।

Ramanujacharya And Shankaracharya


रामानुजाचार्य

5 फरवरी को हैदराबाद में  संत और समाज सुधारक रामानुजाचार्य की प्रतिमा का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनावरण किया। रामानुज की 216 फीट ऊंची प्रतिमा को 'स्टैच्यू ऑफ इक्वैलिटी' नाम दिया गया है। 216 फीट ऊंची मूर्ति सोना, चांदी, तांबा,पीतल और जस्ते की बनी हुई है। जबकि दूसरी मूर्ति मंदिर के गर्भगृह में स्थापित की गई है। जो रामानुजाचार्य के 120 सालों की यात्रा की याद में 120 किलो सोने से निर्मित की गई है। 


इन भगवानों की भी बन रही है मूर्ति

भगवान शिव

राजस्थान के नाथद्वारा में दुनिया की सबसे बड़ी भगवान शिव की प्रतिमा बन रही है। यह मूर्ति 351 फीट लंबी होगी। भगवान शिव की ध्यान करती मूर्ति का सिर 70 फीट लंबा होगा। इसका करीब 90 फीसदी काम पूरा किया जा चुका है।

Ram And Shiv

भगवान राम
अयोध्या में भगवान राम की 251 मीटर ऊंची मूर्ति बनाई जा रही है। जो कि निर्माण के बाद दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति बन जाएगी। इसमें 20 मीटर ऊंचा चक्र होगा। मूर्ति 50 मीटर ऊंचे बेस पर खड़ी होगी। 


गौतम बुद्ध

गौतम बुद्ध की बोधगया में मूर्ति लगाई जा रही है। जिसकी ऊंचाई 100 फुट होगी। इस साल बुद्ध पूर्णिमा तक इस मूर्ति को स्थापित करने की योजना है। 

उत्तर प्रदेश के चुनाव में भी जोर

इस समय उत्तर प्रदेश का चुनाव अपने चरम पर पहुंच चुका है। ऐसे में वहां भी मूर्ति के जरिए वोटरों को लुभाने की कोशिश है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुर्जर वोटरों को लुभाने के लिए दादरी में राजा मिहिर भोज की मूर्ति का अनावरण किया। इसके पहले अखिलेश यादव ने लखनऊ भगवान परशुराम की मूर्ति का भी अनावरण किया था। साफ है कि देश में मूर्तियों  के निर्माण का दौर जारी है। यूपी की तरह जम्मू और कश्मीर में भी राजा हरि सिंह की मूर्ति की सभी दलों द्वारा मूर्ति बनवाने की होड़ मची हुई।  आने वाले समय जैसे-जैसे मूर्तियों का निर्माण पूरा होता जाएगा, रिकॉर्ड बनता जाएगा। 

hari singh


 

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