नई दिल्ली : कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को के पास 131 भारतीय फंस गए हैं। ये भारतीय युवा ग्रैंड प्रिंसेज क्रूज के क्रू मेंबर्स हैं। ये चाहते हैं कि उनको यहां से निकालने में भारत सरकार उनकी मदद करे। चालक दल के सदस्यों ने एक वीडियो में भारत सरकार के लिए 'एसओएस' जारी किया है। क्रूंज पर फंसे भारतीयों का कहना है कि वह अकेलापन और बीमार महसूस कर रहे हैं। उन्होंने जहाजरानी मंत्रालय से तत्काल इस मामले में दखल देने की मांग की है।
क्रूज के चालक दल के एक सदस्य ने कहा, 'नमस्कार डॉ. जयशंकर मैं ग्रैंड प्रिंसेज क्रूज पर काम करता हूं। मैं सभी क्रू मेबर्स की तरफ से भारत में यह संदेश भेजना चाहता हूं कि हम लोगों को जितना जल्दी हो सके हमें यहां से निकाला जाए। यहां पर सुविधाएं हैं लेकिन हम लोग बहुत अकेलापन महसूस कर रहे हैं। हम अपने परिवार के पास जाना चाहते हैं।'
'मेरी छह माह की बेटी है'
एक अन्य भारतीय ने कहा, 'मेरी एक छह महीने की बेटी हैं। मैं उससे मिलना चाहता हूं। यहां जितने भी चालक दल के सदस्य हैं वे सभी अपने परिवार से मिलना चाहते हैं। आप हमारी मदद करें। हम लोग अपने घर के इकलौते बच्चे हैं। यहां हम लोग खुद को बीमार महसूस कर रहे हैं। यहां 100 से ज्यादा भारतीय फंसे हुए हैं।'
चॉर्टर्ड प्लेन से लौटना चाहते थे भारतीय
इस बीच, ग्रैंड प्रिंसेज क्रूज ने अपने बयान में कहा है कि भारतीय क्रू मेंबर्स ने चार्टर्ड प्लेन से भारत लौटने का बंदोबस्त किया था और जिस बस से वे एयरपोर्ट जा रहे थे वह बस एयरपोर्ट पर छह घंटे से फंसी हुई है। एयरपोर्ट के अधिकारी चाहते हैं कि ये सभी क्रू मेंबर्स पहले अपना मेडिकल टेस्ट कराएं।
क्रूज के कैप्टन ने मेडिकल जांच खर्च उठाने से इंकार किया
बताया जा रहा है कि क्रूज के कैप्टन ने मेडिकल टेस्ट के लिए खर्च का भुगतान करने से इंकार कर दिया है। ऐसे में क्रू मेंबर्स के पास क्रूज पर वापस लौटने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। समझा जाता है कि यह क्रूज सैनफ्रांसिस्को तट पर कम से कम 15 दिन खड़ा रहेगा। भारत के चालक दल के सदस्यों ने जहाजरानी मंत्रालय से तत्काल इस मामले में दखल देने के लिए अनुरोध किया है।
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